उच्च न्यायालय ने विधानसभा के अध्यक्ष पी.श्रीनिवास रेड्डी, सचिव वी.नरसिम्हा चार्युलू और परिषद् के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया और आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद 10 विधायकों और 4 एमएलसी को दोषमुक्त करने के लिए भी स्पष्टीकरण मांगा है।
कांग्रेस नेता एन.उत्तम कुमार रेड्डी और मल्लू भट्टी विक्रमार्क द्वारा दायर एक याचिका पर अदालत ने बचाव के मुद्दे पर दलीलें सुनीं। विवाद की स्थिति यह है कि स्पीकर ने टीआरएस में 12 कांग्रेस विधायकों के विलय के लिए एक अधिसूचना जारी की, जबकि मामला अदालत में है। इससे सरकार को कोर्ट से झटका लगा है।
अदालत ने संबंधित अध्यक्ष और अधिकारियों से कांग्रेस की आपत्ति पर स्पष्टीकरण देने को कहा। अदालत ने विधायक और एमएलसी सहित नेताओं को नोटिस जारी किया और स्पष्टीकरण मांगा। उच्च न्यायालय ने मामले को अगले चार हफ़्तों के लिए स्थगित कर दिया, जबकि कांग्रेस नेता शब्बीर अली ने विलय के फैसले के बुलेटिन को रद्द करने की मांग की।
अदालत ने टीआरएस में शामिल हुए कांग्रेस विधायक सुधीर रेड्डी, हर्षवर्धन रेड्डी, उपेंद्र रेड्डी, आत्माराम सक्कू, लिंगैया, आर.कांता राव, सबिता इंद्र रेड्डी, जे.सुरेंदर, हरिप्रिया और वी.वेंकटेश्वर राव को नोटिस जारी किया है। अदालत ने आज याचिका को कांग्रेस के टीआरएस (एनएसएस) में विलय की मांग करने वाली याचिका भी स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के 19 विधायक चुने गए थे, लेकिन उनमें से 12 विधायक टीआरएस में शामिल हो चुके हैं। इन सबके आधिकारिक रूप से टीआरएस में शामिल नहीं होने के बावजूद उनका कांग्रेस के साथ अब कोई संबंध नहीं रहा है।