शरत के पिता ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राज्य के प्रवासी मामलों के मंत्री के टी रामाराव से बेटे के शव को घर लाने में मदद मांगी है। शरत कोप्पू राज्य के वरंगल का रहने वाला था, लेकिन उसका परिवार हैदराबाद में रह रहा है। शरत की इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी यहीं महानगर के वासवी कॉलेज में हुई। इसी जनवरी में शरत मिसौरी राज्य की यूनिवर्सिटी में मास्टर्स की पढ़ाई करने के लिए गया था और कंसास नगर के एक चिकन रेस्टोरेंट में पार्ट टाइम जॉब करता था।
विदेश मंत्री ने दिया आश्वासन
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शरत कोप्पू के पिता से बात कर उनके अमेरिका जाने में सरकार के सहयोग की पेशकश की है और कहा है कि यदि कोई परिजन वहां नहीं जाता है, तो सरकार मृत छात्र के पार्थिव शरीर को जल्द स्वदेश लाएगी।
प्रदेश के आईटी मंत्री ने की परिजनों से मुलाकात
उधर, तेलंगाना सरकार की ओर से आईटी मंत्री केटीआर ने महानगर के अमीरपेट स्थित घर जाकर शरत के परिवार से भेंट की। मंत्री ने घर वालों को आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द युवक का शव वापस लाने के काम में शासन उनकी पूरी मदद करेगा। उपमुख्यमंत्री कड़ीयम श्रीहरि और सिनोमेटोग्राफी मंत्री तलासानी श्रीनिवास यादव, सांसद दत्तात्रय और कई राजनेताओं ने शरत के परिवार से मुलाक़ात की। मंत्री केटीआर ने बताया कि हत्या का मामला होने से क़ानूनी प्रक्रिया पूरी करना आवश्यक है। इसलिए शव भारत लाने में कुछ देरी हो सकती है। अगर परिवार अमेरिका जाना चाहता हो, तो सरकार के खर्च पर उनको इमरजेंसी वीसा की व्यवस्था की जाएगी। शरत के रिश्तेदार संदीप और सदासिव के अनुसार शरत के दोस्तों ने इस दुर्घटना की जानकारी भारत में परिवार को दी ।
क्राउड फंडिंग मुहिम भी चलाई
शरत के पिता बीएसएनएल में नौकरी करते हैं। बताया जाता है कि शरत का शव लाने के लिए “क्राउड फंडिंग” कि मुहिम भी शुरू कर दी गई है, जिसमे कुछ घंटों के दौरान २५ हज़ार डॉलर जमा भी हो चुके हैं।