कलयुगी बेटा
इंसानियत को शर्मसार करने वाली यह वारदात है राजधानी हैदराबाद से १२० किलोमीटर दूर नलंगोडा के नरसिंहबटला गांव में हुई। इस गांव की रहने वाली ६५ वर्षीया महिला शांतम्मा लंबे समय से बीमार चल रही थी। उसकी कमर की हड्डी टूटी हुई थी। महिला के तीन बेटिया और एक बेटा है। उसके ४५ साल के बेटे तिरुमला लिंगस्वामी एक कंस्ट्रेक्शन साइट पर काम करता था। महिला की देखभाल उसकी विवाहित बेटियां ही कर रही थी। लॉक डाउन होने के कारण बेटिया भी उसकी ज्यादा सार-संभाल करने नहीं आ सकी। युवक की पत्नी अपने दो साल के बेटे के साथ घर छोड़ कर चली गई थी।
मां ने मकान नहीं बेचा तो उसे जिंदा जला दिया
लॉक डाउन में ढील के दौरान तिरुमला गांव वापस आया। शराब की लत के कारण उसकी आर्थिक हालत ओर ज्यादा खराब हो गई। पुलिस के मुताबिक उसने बहिनों से मां का मकान बेचने की बात कही। उसकी शराब की लत के कारण बहिनें इस बात के लिए तैयार नहीं हुई। बोझ बनती मां और बहिनों के मां से मकान बेचने में मदद करने से इंकार कर पर उसने गुस्से में आकर शांतम्मा को जिंदा जला दिया। इस वारदात के बाद आरोपी फरार हो गया। मृतका की बेटियों ने सारी जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस उसको गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है।