बता दें कि केसीआर चुनावों से पहले और बाद में भी गैर भाजपाई तथा गैर कोंग्रेसी तीसरा क्षेत्रीय पार्टियों को मिला कर नया गठबंधन बनाने की वकालत करते रहे हैं। मुख्यमंत्री केसीआर रविवार को सुबह 1 विशेष विमान के जरिये पडोसी राज्य आंध्रप्रदेश के विशाखापट्नम शहर के शारदापीठम का दर्शन लेंगे, जहां से वें ओडिशा जा कर वहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के घर पर रात बिताएंगे। सोमवार को कोणार्क मंदिर और फिर पूरी स्थित जगन्नाथ मंदिर को भेंट देंगे। अपने अगले पड़ाव में केसीआर कोलकाता जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मुलाकात करेंगे, जहां काली मंदिर में प्रार्थना भी करने का प्लान है।
जाहिर तौर पर केसीआर अपने प्रस्तावित फेडरल फ्रंट की जरूरत तथा मौजूदा राजकीय वातावरण पर बीजेडी अध्यक्ष और टीएमसी अध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श करने वाले हैं। 25 दिसंबर को वे नई दिल्ली पहुँच कर प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी से औपचारिक मुलाकात करेंगे और अगले 3 दिनों के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से भी मिलेंगे। दिल्ली में बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी बैठकें तय की गयी हैं।
दूसरी तरफ, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू केसीआर के आंध्र में आने को तेलंगाना में नायडू के प्रचार के ‘बदले का उपहार’ मान रहे हैं। साथ ही नायडू ने आरोप लगाया कि विभिन्न राज्यों में जा कर केसीआर लोगों में केवल भ्रम ही पैदा करेंगे तथा परोक्ष रूप से केसीआर भाजपा कि मदद करने जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार टीआरएस पार्टी ने केसीआर की इन यात्राओं के लिए एक विशेष विमान एक माह के लिए किराए पर ले रखा है।