केटीआर ने कहा कि पिछले खरीफ में टीआरएस सरकार ने यह योजना लागू की थी जिसे अब केंद्र की मोदी सरकार ने नाम बदल कर जनता के सामने पेश कर दिया। यह योजना मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने बनाई थी। टीआरएस सरकार हर वर्ष 2 फसलों के लिए 5 हजार रूपये प्रति एकड़ देती है जबकि केंद्र की सरकार सिर्फ 6 हजार रूपये देने का वादा किया है जो बहुत कम है। कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर ने कहा कि उन्हें खुशी हो रही है कि रैतु बंधू के कारण भारत के किसानों की मदद हुई है, परन्तु इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री केसीआर ने ही की थी। केटीआर ने आगे कहा कि भले ही एनडीए सरकार ने इसका नाम बदल दिया है परन्तु वास्तव में कहीं न कहीं यह रैतु बंधू योजना का ही अंश है।
दूसरी ओर, निजामाबाद की सांसद कविता ने कहा कि भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने तेलंगाना की मशहूर रैतु बंधू योजना की नकल की है परन्तु उनकी योजना उतनी भी अच्छी नहीं है। टीआरएस सरकार तेलंगाना के किसानों को हर वर्ष दो बार 5 हजार रूपये प्रति एकड़ देती है और केंद्र भारत के किसानों को सिर्फ 6 हजार रूपये दे रहा है। यह रकम बहुत कम है। उन्होंने आगे कहा कि रकम में संशोधन करने की आवश्यकता है। कविता ने कहा कि हमारा लक्ष्य किसानों को लाभ पहुँचाना है। रैतु बंधू योजना को और अधिक धन के साथ नए स्वरुप में लागू करना होगा।