पूरा शहर उमड़ पड़ा
गुरूवार को शहीद संतोष बाबू के निवास से अंतिम यात्रा शुरू हुई। वंदेमातरम् और संतोष बाबू जिंदाबाद के नारों के बीच अंतिम यात्रा निकाली। अंतिम संस्कार के मार्ग पर दोनों ओर हजारों की संख्या में खड़े होकर लोगों ने, संतोष बाबू जिंदाबाद, वंदेमातरम, संतोष बाबू अमर रहे के नारों से आसमान गुंजायमान कर दिया। अंतिम यात्रा के दौरान सभी की आंखों में आंसू झलक रहे थे। सूर्यापेट के सभी संस्थान और प्रतिष्ठान बंद रहे। इससे पहले शहर के गणमान्य लोगों ने संतोष बाबू के अंतिम दर्शन किये और श्रद्धांजलि अर्पित की।
गलवान घाटी में हुए थे शहीद
गौरलतब है कि भारत और चीन के सेनाओं की बीच सोमवार को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में शहीद हुए कनग्ल संतोष बाबू का पार्थिव शव बुधवार रात को 12.30 बजे पैतृक गांव सूर्यापेट के विद्यानगर कॉलोनी लाया गया। लहराते राष्ट्रीय ध्वज और वंदेमातरम् नारों के बीच जिलाधीश, पुलिस अधीक्षक और मेजर जनरल और अन्य अधिकारियों ने जांबाज शहीद के शव की अगुवानी की।
शहर में छाया मातम
एंबुलेंस के साथ ही मंत्री जगदीश रेड्डी, संतोष बाबू के पत्नी और बच्चे भी सूर्यापेट पहुंच गये। पुलिस ने व्यापक बंदोबस्त किया है। शहर के सभी लोगों के आंखों में आंसू झलक रहे थे। महिलाएं और बुजुर्ग लोग शहीद संतोष को याद करते हुए फफक उठे। पूरे शहर मातम सा छाया गया।