कोंडा मुरली ने बताया कि राजनीति में नैतिक मूल्यों का स्थान सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव का विपक्ष को लेकर रवैय्या काफी गैरजिम्मेदाराना है। बता दें कि, कोंडा मुरली वर्ष 2015 में स्थानीय निकाय पंचायत प्रतिनिधि की ओर से टीआरएस के एमएलसी चुने गए थे।
यूं बढ़ी पार्टी से दूरियां
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में केसीआर द्वारा घोषित प्रत्याशियों की पहली सूची में कोंडा सुरेखा का नाम न होने से वह नाराज होकर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई थीं। उनके साथ कोंडा मुरली भी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हाल ही में हुए चुनाव में सुरेखा ने कांग्रेस की टिकट पर परकाल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और हार गई। इसी क्रम में दलबदलू एमएलसी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए टीआरएस ने विधान परिषद अध्यक्ष के पास शिकायत की। इसी के चलते विधान परिषद अध्यक्ष ने कोंडा मुरली को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस मिलते ही कोंडा मुरली ने अपना इस्तीफा विधान परिषद अध्यक्ष को सौंप दिया। बता दें कि कोंडा मुरली का कार्यकाल वर्ष 2021 तक था।