बेसहारा हो गए थे बच्चे
यादाद्री, भुवनगिरी जिले के आत्मकुरु मंडल में सत्यनारायण और अनुराधा दंपति के तीन बच्चे हैं, जो हाल ही में अनाथ हो गए। इन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया। बच्चों की कोई सुध लेने वाला तक नहीं है। सत्यनारायण की एक साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। तब से, माँ अनुराधा मजदूरी करके अपने तीनों बच्चों की परवरिश कर रही थी। एक सप्ताह पहले ही अनुराधा की बीमारी से मौत हो गई थी।
ट्विटर पर दिया जवाब
इन तीनों में बड़ा बेटा मनोहर अपनी बहन और छोटे भाई की किसी तरह देखभाल कर रहा है। इन तीनों की इस दुर्दशा को राजेश करणम नाम के एक शख्स ने ट्विटर पर पोस्ट किया और सोनू सूद को टैग किया। फिर क्या था, सोनू सूद ने इसका तुरंत जवाब देते हुए आश्वासन दिया कि तीनों बच्चे अब अनाथ नहीं हैं और वह उनकी पूरी जिम्मेदारी लेंगे।
फिल्मों में विलेन जीवन में हीरो
फिल्मों में तो उन्हें विलेन के रोल में देखा जाता है पर वास्तविक जीवन में कई लोगों की मदद करके वे असली हीरो बन चुके हैं। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने हजारों प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया और विदेशों में फंसे छात्रों और अन्य लोगों को वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत की। बिहार, झारखंड और उत्तरप्रदेश के करीब किङ्क्षर्गस्तान से एमबीबीएस करने वाले करीब २५०० विद्यार्थियों को एयर लिफ्ट कराया। हाल ही में एपी में, मदनपल्ले के किसान को एक ट्रैक्टर दिया और लॉकडाउन के कारण, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर शारदा जो नौकरी खो चुकी थी और सब्जियां बेच रही थी, उसको नौकरी दिलवाई।