सूत्रों के मुताबिक केसीआर गुरुवार को 9 बजकर 31 मिनट से पहले कैबिनेट की बैठक खत्म करना चाहते हैं। मुहूर्त की अटकलों के बीच ही यह खबर भी छन कर आ रही है कि इसी बैठक में विधानसभा भंग करने का फैसला हो सकता है। उधर, तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सभी राजनीतिक दलों के साथ मतदाता सूची में सुधार को लेकर बैठक की।
बैठक में नए मतदाताओं का नामांकन के लिए आखरी तारीख 1 जनवरी, 2019 तय की गई है। गौरतलब है कि सीएम के.चंद्रशेखर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति रविवार को ही मेगा रैली के साथ चुनावी मोड़ में आ चुकी है। रविवार को रैली में केसीआर ने कहा कि मीडिया जो अटकले लगा रहा है, उसकी सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। माना जा रहा है कि अगर अप्रैल-मई तक लोकसभा चुनाव के साथ ये चुनाव हुए, तो इससे कांग्रेस को फ़ायदा मिल सकता है। खासकर आंध्र प्रदेश में मोदी विरोधी भावनाओं से कांग्रेस को तेलंगाना में मजबूती मिलने के आसार हैं।
केसीआर बीते दो महीनों में तीन बार पीएम नरेंद्र मोदी से मिल चुके हैं। बीजेपी-टीआरएस नेताओं के बीच गर्मजोशी भी छुपी नहीं रही। इस सियासी अंतरंगता के पीछे वजह भी मज़बूत है। बीजेपी को लोकसभा चुनाव के बाद केसीआर की ज़रूरत पड़ सकती है, इसलिए उनके सीएम पद के लिए चुनाव लड़ने में बीजेपी कोई बाधा नहीं बनना चाहती।