इस यज्ञ के बाद ही सरकार की कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। जबकि 13 दिसंबर को केसीआर ने मुख्यमंत्री और महमूद अली ने गृहमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। 7 दिसंबर के चुनाव से पहले भी केसीआर ने “राजा श्यामला यज्ञम” किया था, ताकि चुनावी सफलता प्राप्त कर सकें।2014 के चुनाव में सफलता पाने के बाद दिसंबर 2015 में भी मुख्यमंत्री केसीआर ने “आयुथ चंडी महायज्ञ” किया था।
सोमवार को चंडी यज्ञ के लिए महाराष्ट्र कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के पडोसी राज्यों से 300 वैदिक पंडित (कर्मकांडी पुरोहित) पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं यज्ञ की पूरी व्यवस्था की निगरानी करते रहे। तेलंगाना के सभी 33 जिलों से बेहतरीन वेदपाठी पुरोहितों को चुना गया है। सहस्त्र चंडी महायज्ञ के लिए 10 कुंड बनाए गए हैं। रुद्र महायज्ञ के लिए 5 और चतुर्वेद यज्ञ के लिए 4 विशाल कुंड बनाए गए हैं।
हैदराबाद के पास सिद्दीपेट जिले में अपने पैतृक येर्रावेल्ली गांव में सहस्त्र चंडी महायज्ञ, रुद्र महायज्ञ और चतुर्वेद यज्ञ करवाने के लिए मुख्य आचार्य माणिक्य समयाजुलू वाराणसी से हैदराबाद आए हैं। माणिक्य समयाजुलू पिछले 4 साल से वाराणसी में तपस्या कर रहे हैं। महायज्ञ के मुख्य पुरोहित माणिक्य समयाजुलू ने बताया कि ‘दुष्टों का शिक्षण करने और शिष्टों का रक्षण करने वाले सहस्त्र चंडी महायज्ञ को करने से केसीआर की लोकप्रियता में जबरदस्त बढ़ोत्तरी होगी और उनके विरोधियों का ह्रद्य परिवर्तन हो जाएगा।’