परिवहन निगम के निदेशक सुनील शर्मा की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि मामला लेबर कमिश्नर के सामने विचाराधीन है और जब तक कोई फैसला नहीं होता, तब तक कर्मचारियों को नौकरी पर वापस नहीं लिया जा सकता। पुलिस ने परिवहन निगम के कई कर्मचारियों को अस्थायी कर्मचारियों के काम में दखल देने तथा रुकावट पैदा करने के आरोप में हिरासत में लिया। इसकी वजह से राज्य भर में तनाव का माहौल देखा गया।
बता दें कि, परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान अब तक 31 हड़ताली कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इनमें से 4 ने खुदकुशी कर ली और 27 की मौत हार्ट अटैक और दूसरे स्वास्थ्य कारणों की वजह से हुई। प्राइवेट ड्राइवरों की वजह से रोडवेज की बसों ने सडक़ों पर 10 से ज्यादा लोगों को कुचला है। इस तरह पिछले 52 दिनों में आरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। मिली जानकारी के अनुसार परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के मामले को लेकर गुरुवार को तेलंगाना राज्य मंत्रीमंडल की बैठक बुलाई गई है। इसमें परिवहन निगम की स्थिति को लेकर चर्चा की जाएगी।