गौरतलब है कि गुरुवार को ही तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी यह कह चुके हैं कि अभी तेलंगाना में 2018 की नई वोटर लिस्ट की जांच जारी है। जनवरी 2019 को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होनी है। तेलंगाना के मुख्य चुनाव अधिकारी रजत कुमार का कहना है कि अगर ऐसे हालात बने, तो फिर चुनाव आयोग अंतिम फैसला लेगा। इधर कांग्रेस ने भी साफ कर दिया है कि अधूरी वोटर लिस्ट के साथ अगर चुनाव में जाने का फैसला लिया जाता है, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
कांग्रेस को झटका, बड़े नेता ने कांग्रेस छोड़ी
तेलंगाना के चुनावी मोड में आते ही कांग्रेस को पहला बड़ा झटका भी लग गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आंध्र प्रदेश विधानसभा के स्पीकर रह चुके सुरेश रेड्डी ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर टीआरएस का दामन थाम लिया है। निजामाबाद जिले से ताल्लुक रखने वाले सुरेश रेड्डी कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं और चार बार विधायक भी रह चुके हैं।
टीआरएस ने पाया था बहुमत
गौरतलब है कि विधानसभा भंग करने वाली सत्ताधारी पार्टी टीआरएस को 2014 में पृथक तेलंगाना राज्य बनने के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में 90 सीटें मिली थीं। विधानसभा की कुल 119 सीटें हैं। टीआरएस के खिलाफ यहां विपक्ष को 29 सीटें मिली थीं। इनमें कांग्रेस को 13, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 7, भाजपा को 5, टीडीपी को 3 और सीपीएम को 1 सीटें प्राप्त हुई थीं।