छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने जिन दो लोगों को कोरोना वायरस (COVID-19) से आजादी दिलाई, उनमें से एक हैं रामनगर के रहने वाले रामलाल (परिवर्तित नाम)।
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रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने जिन दो लोगों को कोरोना वायरस (COVID-19) से आजादी दिलाई, उनमें से एक हैं रामनगर के रहने वाले रामलाल (परिवर्तित नाम)। 68 साल की रामलाल का सैंपल 23 को लिया गया था और 25 की रात उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई।
रामलाल ने जो बातें बेटे को बताई वही बातें बेटे ने पत्रिका को बताई। रामलाल कहते हैं- 25 मार्च की रात मैं सो रहा था, तभी दरवाजे पर लोगों ने आवाज दी। दरवाजा खोला, तो डॉक्टर थे और दूर एंबुलेंस खड़ी थी। मुझे एम्स चलने के लिए कहा गया। मैंने अपने बेटों को उठाया और कहा, देखो ये लोग क्या कह रहे हैं।
डॉक्टरों ने कहा, दादा की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एम्स में भर्ती करवाना है। आप सभी को जब तक न कहा जाए घर पर ही रहना। वे पिताजी को लेकर गए। बेटे ने बताया कोरोना के बारे में सुना था, क्योंकि लॉक डाउन है। हमारे घर में पहुंच जाएगा, ये कैसे हुआ….।
30 मार्च को रामलाल को छुट्टी जरूर मिली मगर उसे सीधे नवा रायपुर के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। भले ही उनकी रिपोर्ट 5 दिन में पॉजिटिव से नेगेटिव आई हो, मगर खतरा अभी टला नहीं है। बेटा कहता है, मैं बुधवार को पापा को खाना देने गया था, उन्होंने पेट भरकर खाना खाया। हालांकि मिलने नहीं दिया गया, फोन पर बात कर ली।
पूरा परिवार क्वारंटाइन सेंटर में, पुलिस भी तैनात रामलाल का पूरा परिवार और किराए में रहने वाले 5 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव है। मगर इन्हें क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है। ये लापरवाही न बरतें और इनसे कोई ना मिले, इसलिए पुलिस भी तैनात की गई है। आसपास के लोग खुद ही इतना डरे हुए हैं कि इस परिवार के सदस्यों से दूरी बनाए हुए हैं।