दुर्ग

नाबालिग की पहले लूटी अस्मत, गर्भवती होने पर जान से मारने की धमकी, जज ने कहा अब पूरी जिंदगी काटो सलाखों के पीछे

नाबालिग की पहली लूटी अस्मत, गर्भवती होने पर जान से मारने की धमकी, जज ने कहा अब पूरी जिंदगी काटो सलाखों के पीछे

दुर्गFeb 16, 2019 / 12:26 pm

Dakshi Sahu

नाबालिग की पहले लूटी अस्मत, गर्भवती होने पर जान से मारने की धमकी, जज ने कहा अब पूरी जिंदगी काटो सलाखों के पीछे

दुर्ग. विवाह करने का झांसा देकर दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा से बलात्कार करने और गर्भवती होने पर जान से मारने की धमकी देने वाले साजा (बेमेतरा) निवासी राजेश साहू(23) को जीवन भर जेल की चारदीवारी में रहना होगा। इस मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश सुभ्रा पचौरी ने बलात्कार के जुर्म में अभियुक्त को मृत्युपर्यंत जेल में रखने का आदेश दिया। जान से मारने की धमकी देने के लिए तीन साल कैद की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने उस पर 1100 रुपए का जुर्माना भी लगाया।
धमकी देने लगा
यह घटना जामुल थाना क्षेत्र की है। वर्ष 2014 में अभियुक्त ने पीडि़त छात्रा को प्रेम विवाह का प्रलोभन दिया। नाबालिग छात्रा उसके बहकावे में आ गई। अभियुक्त उसे अलग-अलग जगह बुलाता था और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता था। कुछ माह बाद छात्रा ने गर्भवती होने की बात कही तो अभियुक्त राजेश साहू उसे धमकी देने लगा। घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।
पीडि़ता को सहायता दिलवाने का आदेश
प्रकरण पर फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि मासूम की जीवनशैली ही प्रभावित हो गई। उसने प्रसव पीड़ा भी सहा है। इस क्षति का आंकलन किसी धन से नहीं की जा सकती। जुर्माना की राशि को प्रतिकर के रुप में पीडि़ता को दिया जाए। न्यायाधीश ने विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखकर शासन की योजना के तहत पुर्नवास के लिए सहायता दिलाने का भी आदेश दिया।
गुमशुम रहने लगी थी छात्रा
इस घटना के बाद छात्रा गुमशुम रहने लगी थी। वह घर से अलग किराए का मकान में रहने लगी। इसके बाद भी जब अभियुक्त ने उसे नहीं अपनाया तो मजबूरी में घटना की जानकारी छात्रा ने अपने परिवार में दी। छात्रा ने बताया कि राजेश उसके साथ पढ़ता था। दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। अभियुक्त ने शादी करने की बात कही जिस पर उसने भरोसा कर लिया। सारी बातें सुनकर परिजन ने थाने में शिकायत की।
भेज दिया था जेल
पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने के बाद २४ सिंतबर २०१५ को राजेश को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया। तब से वह जेल में है। अतिरिक्त लोक अभियोजक कमल वर्मा ने बताया कि इस प्रकरण में ८ लोगों की गवाही हुई। दो स्वतंत्र गवाह भी थी। नाबालिग का १६४ के तहत बयान भी हुआ था। गवाहों ने घटना का समर्थन किया। पीडि़ता ने भी घटना को सच बताया। इसे आधार बनाते हुए न्यायालय ने फैसला सुनाया।
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