scriptकमाल का तरीका, नींबू बताएगा ब्रेस्ट कैंसर की निशानियां | Viral photo of lemons shows signs of breast cancer | Patrika News

कमाल का तरीका, नींबू बताएगा ब्रेस्ट कैंसर की निशानियां

Published: Feb 05, 2017 08:42:00 am

अमूमन दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर के मरीज अपनी जान गंवा बैठते हैं, क्योंकि जब तक उनका बीमारी पर ध्यान जाता है, बहुत देर हो चुकी होती है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता लाने के लिए रचा गया है ‘नो योर लेमन’ कैंपेन।

एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। यह चीनी कहावत ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ लड़ाई में बड़ी कारगर साबित हुई है। ब्रिटिश डिजाइनर कॉरीन ब्यूमॉन्ट ने महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के प्रति जागरुक करने के लिए एक कमाल का तरीका इजाद किया है। 
उन्होंने इस बीमारी की पहचान के लिए नींबुओं का सहारा लेते हुए एक अभियान रचा, जो इन दिनों सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक पर वायरल हो रहा है। फेसबुक पर इसे अब तक 32 हजार बार शेयर किया जा चुका है। 
अमरीका, स्पेन, तुर्की और लेबनान में महिलाओं में स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस कैंपेन का इस्तेमाल किया गया है। 16 अलग-अलग भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया है। लोगों का मानना है कि नींबुओं की तस्वीर साफ और रंगीन है। ये तस्वीर, अक्सर सैकड़ों शब्दों के बीच खो जाने वाली अहम जानकारी को साफ-साफ सामने रख देती है।
क्या है ‘नो यॉर लेमन’

इसके तहत स्तन कैंसर के लक्षण समझाने के लिए नींबुओं की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। इस कैंपेन में अंडे रखने वाले डिब्बे में नींबुओं को रखा गया है। इनमें 12 तरह के बदलावों के जरिए महिलाओं को स्तन कैंसर के लक्षणों के बारे में आसानी से जानकारी मिल सकती है। कॉरीन के मुताबिक कई मरीज स्तनों के बारे में बात करना या उनकी तरफ देखना नहीं चाहते, लेकिन इस तस्वीर से कम पढ़ी-लिखी महिलाएं भी समझ हासिल कर सकती हैं। 
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर जयंत वैद्य कहते हैं कि अंडों के डिब्बे में नींबुओं की तस्वीर से लोगों की दिलचस्पी बढ़ती है और आसानी से जानकारी याद रह जाती है। वो कहते हैं कि स्तन में नसों का फूलना या स्तन में सूजन जैसे लक्षण कम देखने को मिलते हैं, जबकि चमड़ी का उतरना, संतरे के छिलके जैसी त्वचा या बड़ी गांठें बढ़े हुए कैंसर की निशानियां हैं।
दादी-नानी को खोया तो रचा कैंपेन

नानी और दादी को स्तन कैंसर के कारण खोने वाली कॉरीन के मन में स्तन कैंसर के लक्षणों की पहचान को लेकर कई सवाल थे। तब 2003 में उन्होंने यह कैंपेन शुरू किया। हालांकि इसे लोकप्रियता तब हासिल हुई, जब कुछ दिन पहले एरिन स्मिथ शीजे ने इसकी तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर किया। एरिन को स्तन पर निशान दिखने के बाद कैंसर के चौथे स्टेज का पता चला। वो कहती हैं कि सोशल मीडिया पर अपने स्तन जैसी मिलती-जुलती इस तस्वीर को देखकर उन्हें इसकी जानकारी मिली। कॉरीन ने वर्ल्ड वाइड कैंसर चैरिटी संस्था शुरू करने के लिए दो साल पहले नौकरी छोड़ दी थी।
महिलाओं में जागरूकता का अभाव 

विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं को स्वास्थ्य जांच को रूटीन में शामिल करना चाहिए। चैरिटी संस्था ब्रेस्ट कैंसर केयर के सर्वे में पता चला कि एक हजार में से एक तिहाई महिलाएं सामान्य तौर पर स्तन कैंसर के निशान और लक्षणों की जांच नहीं करतीं। जबकि 96 फीसदी महिलाओं को पता था कि स्तन में गांठ, कैंसर का लक्षण है लेकिन एक चौथाई महिलाएं ये नहीं जानती थीं कि भीतर की ओर दबे हुए निप्पल भी कैंसर का एक लक्षण हैं। हालांकि दस में से नौ मामलों में स्तन की गांठ कैंसर नहीं होती, फिर भी डॉक्टर से राय लेना अच्छा होता है।

ट्रेंडिंग वीडियो