हल्की बारिश हुई, उमस से राहत मिली
बुधवार को संभाग के सभी जिलों में कहीं कहीं हल्की व साधारण बारिश हुई। दिन में बादल छाए रहे। जिसके कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई। तीन दिन से तापमान के साथ उमस बढऩे से परेशान लोगों को इससे राहत मिली। बुधवार को हुई बारिश उस तरह की रही जैसै आमतौर बारिश की बिदाई का समय आने पर क्वांर में होता है। यह टुकड़ों में होती रही। शहर के एक छोर पर पानी गिरा तो दूसरे छोर पर बूंदाबांदी भी नहीं हुई। भिलाई-दुर्ग में दोपहर को हल्की बारिश के बाद कुछ देर के लिए धूप खिली रही।
बुधवार को संभाग के सभी जिलों में कहीं कहीं हल्की व साधारण बारिश हुई। दिन में बादल छाए रहे। जिसके कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई। तीन दिन से तापमान के साथ उमस बढऩे से परेशान लोगों को इससे राहत मिली। बुधवार को हुई बारिश उस तरह की रही जैसै आमतौर बारिश की बिदाई का समय आने पर क्वांर में होता है। यह टुकड़ों में होती रही। शहर के एक छोर पर पानी गिरा तो दूसरे छोर पर बूंदाबांदी भी नहीं हुई। भिलाई-दुर्ग में दोपहर को हल्की बारिश के बाद कुछ देर के लिए धूप खिली रही।
इस सीजन में मच्छरों से खतरा अधिक इस सीजन में मच्छर भी पनप रहे हैं। हल्की वर्षा, धूप व उमस उनके पनपने के लिए अनुकूल है। इस सीजन में सबसे अधिक खतरा बच्चों को होता है। मच्छर काटने से वे मलेरिया की चपेट में आ सकते हैं। डॉ.आरएस यादव का कहना है कि मच्छर से बचने के लिए बाजार में कई तरह की दवाईयां हैं पर मच्छरदानी का उपयोग ही सबसे बेहतर है। बच्चों को मच्छरदानी से सुरक्षित रखें।
इस बारिश से राहत पर, कृषि के पिछडऩे का असर पड़ेगा फसल के ग्रोथ पर
कृषि विज्ञानियों का कहना है कि बारिश हल्की रही पर यह खेती किसानी के लिए राहत वाली है। इससे फसलों को फायदा होगा। भू-जल स्तर बढऩे में भी मदद मिलेगी। कृषि विज्ञानी डॉ.आरएस चौधरी का कहना है कि कवर्धा जिला को छोड़ दें तो पूरे दुर्ग संभाग में इस साल कम वर्षा हुई है। कवर्धा जिले में भी अन्य वर्षों की तुलना में पानी कम गिरा है पर अन्य जिलों के मुकाबले ठीक ही है। अल्प वर्षा का असर कृषि पर पड़ा है। कृषि कार्य पिछड़ा है। देर से रोपा बियासी का असर फसल के ग्रोथ पर पड़ता है। जबकि अभी भी रोपा बियासी का काम चल ही रहा है। ऐसे में किसानों के सामने फसल पर खास ध्यान देने की जरूरत है। अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारियों से सलाह लेकर उन्हें संतुलित रूप से रसायनिक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे फसल को ग्रोथ मिलेगा। बीमारी से बचेगी।
कृषि विज्ञानियों का कहना है कि बारिश हल्की रही पर यह खेती किसानी के लिए राहत वाली है। इससे फसलों को फायदा होगा। भू-जल स्तर बढऩे में भी मदद मिलेगी। कृषि विज्ञानी डॉ.आरएस चौधरी का कहना है कि कवर्धा जिला को छोड़ दें तो पूरे दुर्ग संभाग में इस साल कम वर्षा हुई है। कवर्धा जिले में भी अन्य वर्षों की तुलना में पानी कम गिरा है पर अन्य जिलों के मुकाबले ठीक ही है। अल्प वर्षा का असर कृषि पर पड़ा है। कृषि कार्य पिछड़ा है। देर से रोपा बियासी का असर फसल के ग्रोथ पर पड़ता है। जबकि अभी भी रोपा बियासी का काम चल ही रहा है। ऐसे में किसानों के सामने फसल पर खास ध्यान देने की जरूरत है। अपने क्षेत्र के कृषि अधिकारियों से सलाह लेकर उन्हें संतुलित रूप से रसायनिक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे फसल को ग्रोथ मिलेगा। बीमारी से बचेगी।
मौसम विभाग ने इन जिलों में जारी किया है रेड अलर्ट
रायुपर, बलौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 24 घंटे में भारी बारिश की चेतवानी देकर अलर्ट रहने कहा गया है।
रायुपर, बलौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, नारायणपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 24 घंटे में भारी बारिश की चेतवानी देकर अलर्ट रहने कहा गया है।
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