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10 बड़े बकायादारों को पहले नोटिस, फिर होगी संपत्ति कुर्क

locationइंदौरPublished: Feb 24, 2019 10:56:25 am

Submitted by:

Mohit Panchal

डायवर्शन टैक्स की वसूली को लेकर जिला प्रशासन होगा सख्त, अपर कलेक्टर के निर्देश पर भू-अभिलेख विभाग हुआ सक्रिय

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10 बड़े बकायादारों को पहले नोटिस, फिर होगी संपत्ति कुर्क

इंदौर। डायवर्शन टैक्स की वसूली को लेकर जिला प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। अपर कलेक्टर ने तहसीलों में एसडीएम व भू अभिलेख विभाग के अफसरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उनसे १०-१० बड़े बकायादारों की सूची मांगी गई है जिन्हें पहले नोटिस थमाया जाएगा। बाद में जब पैसा जमा नहीं होगा तो संपत्ति कुर्की की जाएगी।
खेती की जमीन का आवास, व्यवसाय या अन्य प्रयोजन से उपयोग बदलाने पर जमीन मालिक को डायवर्शन टैक्स देना होता है। टैक्स का निर्धारण डायवर्शन किए जाने के समय गाइड लाइन से तय किया जाता है। प्रदेश में सबसे ज्यादा डायवर्शन का टैक्स कहीं से इक_ा होता है तो वह इंदौर है।
ये आंकड़ा सौ करोड़ के पार जाता है। यही वजह है कि प्रदेश के अफसर मार्च के नजदीक आते ही वसूली को लेकर दबाव बनाना शुरू कर देते हैं। प्रदेश से जानकारी मांगी जाने पर जिला प्रशासन सक्रिय हो गई है। रिकॉर्ड खंगाला गया तो आधी वसूली से भी कम वसूली का आंकड़ा सामने आया। इसको लेकर अपर कलेक्टर अजय देव शर्मा ने नाराजगी व्यक्त की।
उसके साथ में सभी एसडीएम व तहसीलदारों को भी निर्देश जारी कर दिए कि वे तहसील क्षेत्र के बकायादारों की सूची तैयार करें। उसमें से टॉप १० बकायादारों के नाम निकालें। उन्हें नोटिस थमाए जाएं। लगातार तीन नोटिस दिए जाने के बाद भी जब पैसा जमा नहीं होता है तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जाए।
साथ में कॉलोनी होने पर प्लॉटों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जा सकती है। सभी अधिकारियों को साफ कर दिया गया है कि वे चैक के माध्यम से पेमेंट न लें। डिजिटल इंडिया योजना के तहत ऑनलाइन पैसा जमा कराने पर जोर दिया जाए ताकि स्थिति तुरत-फुरत स्पष्ट हो जाए।
रखे रह गए थे चेक
गौरतलब है कि दो साल पहले तत्कालीन मुख्य सचिव बीपी सिंह ने इंदौर का दौरा किया था। कामकाज की समीक्षा के दौरान उनकी टीम ने भू अभिलेख विभाग के दस्तावेज भी खंगाले थे जिसमें एक कलाकारी सामने आ गई थी।
मार्च में कॉलोनाइजरों ने दिखावे के लिए डायवर्शन टाक्स के चेक जमा कर दिए थे जिन्हें पांच माह बाद भी नहीं लगाया गया। कुछ चेक बाउंस हो गए थे जिन पर ध्यान नहीं दिया गया था। उस वजह से अफसरों ने साफ निर्देश दिए कि चेक के बजाए ऑनलाइन पैसा जमा कराया जाए ताकि गड़बड़ी होने की संभावना ना के बराबर रहे।
लिखा-पढ़ी में दस करोड़ का अंतर
डायवर्शन टैक्स की वसूली में एसडीओ जो आंकड़े पेश कर रहे है उसमें और कोषालय में जमा राशि में बड़ा अंतर आ रहा था। इसको लेकर अपर कलेक्टर शर्मा ने सभी को रिकॉर्ड लेकर तलब किया है। बाद में जब सभी एसडीओ ने अपनी अपनी रिपोर्ट दी तो दस करोड़ रुपए का अंतर सामने आया। बताया जाता है कि रिपोर्ट तैयार करने के दौरान २३ करोड़ का आंकड़ा गलती से ३३ करोड़ लिखा गया था जिसको शर्मा ने पकड़ लिया था। हालांकि बाद में गलती को सुधारा गया।
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