बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे इन स्कूलों में ड्राइविंग सिखाने का न तो कोई समय तय है, न ही स्थान। भीड़ भरे इलाकों में खुले आम इन स्कूलों के माध्यम से लोगों को आधा-अधूरी ड्राइविंग सिखाई जा रही है। आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक 2017 में 30 ड्राइविंग स्कूल रजिस्टर्ड थे, जबकि अब इनकी संख्या 37 है।
इस गंभीर मुद्दे पर आरटीआई लगाने वाले इंदर सिंह चावला के पास शहर के 150 ड्राइविग स्कूलों की सूची है, जो लोगों को कार चलाना सिखा रहे हैं। पुरुषों के अलावा महिलाओं को ड्राइविंग सिखाने के नाम पर भी फीस के रूप में मोटी रकम वसूली जा रही है।
इस मसले पर उन्होंने यातायात विभाग में सूचना के अधिकर के तहत जानकारी मांगी थी, लेकिन विभाग ने बताया कि रजिस्ट्रेशन का अधिकार उनके पास नहीं, बल्कि परिवहन विभाग के पास है। कार्रवाई भी परिवहन विभाग ही करता है।
कलेक्टर के आदेश पर जारी की जानकारी
इंदर ने इस संबंध में 2017 में पहली बार आरटीआई दायर की थी, लेकिन परिवहन विभाग ने यह कहते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया था कि इससे जुड़ी जानकारी फिलहाल नहीं दे सकते। कंपाइल करने में कठिनाई आएगी। जानकारी नहीं देने पर कलेक्टर के यहां इसकी अपील की गई। कलेक्टर के निर्देश के बाद जानकारी दी गई।
इस संंबंध में आरटीओ जितेंद्र सिंह रघुवंशी का कहना है, अवैध रूप से चल रहे कार ड्राइविंग स्कूल से जुड़ी फिलहाल कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन जल्द ही अभियान चलाकर जांच की जाएगी। नियम विरुद्ध चल रहे स्कूलों को पुलिस की मदद से बंद कराया जाएगा।