मंदिर का निर्माण करीब 25 वर्ष पहले किया गया। लगभग सभी देवी-देवताओं के साथ ही महादेव के हर रूप की वजह से क्षेत्र के लोगों की आस्था खासी जुड़ चुकी है। सावन माह और शिवरात्रि के अलावा यहां जन्माष्टमी, दीवाली, होली जैसे प्रमुख त्योहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। मंदिर की भव्यता के साथ ही विशाल प्रवेश द्वार भी यहां की विशेषता है। फिलहाल श्रावण मास में कई धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं।
यहां रोजाना सुबह 6 बजे भगवान शिव की मंगला आरती होती है। 9 बजे से रुद्राभिषेक व चंद्रयंत्र पर निर्मित पार्थिव शिवलिंग का पूजन होता है। सावन में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक किया जाएगा। भगवान को रुद्राक्ष से शृंगार होगा। रात 8 बजे तांडव आरती होगी।
यह है खासियत
मंदिर ट्रस्ट के राजेश विजयवर्गीय ने बताया, महाशिवरात्रि पर हर साल 5 दिवसीय विवाह उत्सव का आयोजन होता है। इसमें शहरभर के लोग भगवान के विवाह के साक्षी बनते हैं। मंदिर के पुजारी द्वारा एक पैर पर खड़े होकर की जाने वाली तांडव आरती भी खास होती है।