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स्वागत के दौरान जमकर हुई धक्का-मुक्की, मंच से गिरे लोग, सिंधिया ने कैसे संभाली व्यवस्था, देखें VIDEO पूर्व चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बैठक के बाद दावा किया कि एक महीने के भीतर नए संविधान के अनुसार संगठन के चुनाव होंगे। चार-पांच दिनों में चुनावी वार्षिक साधारण सभा की तारीख का ऐलान भी मैनेजिंग कमेटी करेगी। करीब 285 सदस्यों वाले संगठन के 114 सदस्य बैठक में मौजूद थे। यह पहला मौका है जब एमपीसीए के गठन के बाद एक साल में दो बार संविधान में संशोधन किया गया। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 16 सितंबर 2018 को भी संविधान संशोधन किया गया था।
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VIDEO : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यकर्ताओं के साथ ली सेल्फी, बोले- मेरी जिंदग… सिंधिया ने संभाली कमान, विरोधियों को ऐसे समझाया बैठक में संशोधनों को लेकर कुछ सदस्यों द्वारा आने वाली आपत्तियों की आशंका के चलेत कमान खुद सिंधिया ने संभाली थी। विरोधी गुट के संजीव राव, राकेश भार्गव, लीलाधर पालीवाल के अलावा मनोहर शर्मा, विजय नायडू और फारूख खान ने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराई। इस पर सिंधिया ने सभी से कहा, यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बोर्ड के कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर और न्यायमित्र के साथ बैठक कर तय किए गए हैं। यदि इन पर आपत्ति लेंगे तो फिर कानूनी लड़ाई लडऩी होगी।
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VIDEO : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सिंधिया बोले – बीजेपी की आदत है श्रेय लेने… मंत्री सिलावट बाहर, बाकलीवाल अंदर ईओजीएम बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट होलकर स्टेडियम में थे लेकिन बैठक में नहीं जा सके। वहीं शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल मौजूद थे। वे यंग मैन क्रिकेट क्लब से पहुंचे थे। उनके अलावा भाजपा के पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत इंदौर स्पोट्र्स क्लब से मौजूद थे। सिंधिया स्कूल की तरफ से प्रसून कनमड़ीकर को प्रवेश दिया गया। लोढ़ा कमेटी के नियमों की बेहतर समझ के चलते प्रसून को जिम्मेदारी मिली थी। पिछले दिनों भाजपा की सदस्यता लेने वाले क्रिकेट कमेंट्रेटर सुशील दोषी से भी सिंधिया ने चर्चा की।
मैनेजिंग कमेटी मीटिंग में दो घंटे बहस ईओजीएम से पहले रविवार को दोपहर मैनेजिंग कमेटी मीटिंग भी थी। दोपहर १ बजे से दो घंटे तक चली बैठक में चुनावी तारीख तय करने को लेकर लंबी बहस हुई। सदस्य कमल श्रीवास्तव का कहना था, हमें तारीख तय करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
इन प्रमुख बदलावों को हरी झंडी -एमपीसीए की कार्यकारिणी में अब २६ नहीं 19 सदस्य होंगे -6 साल तक सिलेक्टर रहे चुके क्रिकेटरों को अब नहीं मिलेगी यह जिम्मेदारी -क्रिकेट कमेटी का चुनाव भी होगा एजीएम में, कमेटी में शामिल होने के लिए 10 प्रथम श्रेणी मैच खेलना अनिवार्य
-किसी भी मामले की शिकायत लोकपाल को शपथपत्र पर करना होगी, ईमेल की शिकायत मान्य नहीं -अंपायर कमेटी भी क्रिकेट कमेटी के दायर में आएगी, अब तक यह स्वतंत्र होती थी -भविष्य में बिना सुप्रीम कोर्ट के इजाजत के एमपीसीए के संविधान में नहीं होगा संशोधन