आइआइएम इंदौर को छोडक़र सभी आइआइएम सिर्फ पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स ही चलाते हैं। इंदौर में पहली बार १२वीं पास करने वालों के लिए पांच वर्षीय आईपीएम (इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट) शुरू हुआ तो इसकी काफी आलोचना हुई। तब तक आइआइएम बिल पास नहीं हुआ था, इसलिए आइआइएम को डिग्री देने का अधिकार नहीं था। तब आइआइएम इंदौर ने विकल्प दिया कि छात्र तीन साल बाद भी डिप्लोमा ले सकते हैं, मगर डिग्री नहीं होने पर वे 12वीं पास ही कहलाते। इस विवाद को देखते हुए आइआइएम ने आइपीएम के साथ ओपन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई का विकल्प दिया। इसके बावजूद एक्जिट बटन पॉलिसी बंद कर दी। अब आइआइएम बिल पास होने पर सभी आइआइएम को डिग्री देने का अधिकार है। इसलिए आइआइएम इंदौर ने एक बार फिर से आइपीएम वालों को तीन साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद डिग्री देने का निर्णय लिया है। इस फैसले से उन छात्रों को काफी फायदा होगा जो शुरुआती पढ़ाई के बाद बिजनेस में अपना कॅरियर बनाना चाहते है। छात्र चाहे तो तीन साल की डिग्री लेकर जॉब भी ले सकते हैं।
दो साल के बीच फिर कर सकेंगे जॉइन