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186 कार के लिए 15 करोड़ का खर्च ज्यादती

locationइंदौरPublished: Aug 07, 2018 05:01:51 pm

Submitted by:

amit mandloi

शहर में बढ़ते वाहनों को देखते हुए टै्रफिक नीति की दरकार, शहर के प्रबुद्धजनों ने कहा,

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186 कार के लिए 15 करोड़ का खर्च ज्यादती

इंदौर. ग्रेटर कैलाश रोड पर प्रस्तावित मैकेनाइज्ड मल्टीलेवल पार्किंग के मुद्दे पर निगम परिषद में हुए हंगामे के बाद लोग भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। अधिकतर लोगों का मानना है कि 186 कारों की क्षमता वाली पार्किंग पर 15 करोड़ का खर्च शहर के साथ ज्यादती है। इसके बजाय पार्किंग पॉलिसी बनाकर इस समस्या का व्यवस्थित समाधान ढूंढना चाहिए।
परिषद की अगली बैठक अक्टूबर में प्रस्तावित है, लेकिन संभवत: विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने की वजह से अब इस मुद्दे पर परिषद में अगले वर्ष ही बहस हो पाएगी। वहीं, प्रबुद्धजन का मानना है, शहर में बढ़ती टै्रफिक व पार्किंग की समस्या का हल मैकेनाइज्ड या मल्टिलेवल पार्किंग नहीं है, बल्कि शहर को एक पार्किंग पॉलिसी की जरूरत है। भविष्य में वाहन ज्यादा हो जाएंगे और सड़कों पर जगह नहीं मिल पाएगी। एेसे में निगम को एेसी नीति तैयार करनी चाहिए, जिससे यातायात और वाहनों के बीच तालमेल बैठाया जा सके।
पार्किंग पर 3800 करोड़ खर्च प्रस्तावित

बस, ट्रक, लोडिंग वाहन सहित अन्य वाहनों के अलावा २६ प्रतिशत की दर से शहर में हर वर्ष कारें बढ़ रही हैं। इसके साथ ही आबादी २.२ प्रतिशत की दर और बाहरी लोगों को जोड़कर ४.५ प्रश प्रतिवर्ष हो जाती है। वर्ष २०१७ में इंदौरियों ने २५ हजार कारें खरीदी और भविष्य में यह आंकड़ा बढऩे की संभावना है। निगम में पार्किंग सुविधा पर ३८०० करोड़ रुपए खर्च होना प्रस्तावित है। एेसे में उन करदाताओं के साथ सीधे-सीधे नाइंसाफी होगी, जिनके पास कार नहीं है। वहीं इतनी राशि का इंतजाम भी निगम के लिए बड़ी चुनौती होगी।
इसलिए बनाया प्रस्ताव

ग्रेटर कैलाश रोड पर पार्किंग की समस्या होने से दो और चार पहिया सहित अन्य वाहन पार्क करने में मुश्किलें आती हैं। पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान न होने से सड़क पर ही कारों की लाइन लगी रहती है। इससे यातायात में बाधा आती है और चौड़ी सड़क संकरी नजर आती है। टै्रफिक जाम की स्थिति भी बनती है। इसे देखते हुए मैकेनाइज्ड मल्टीलेवल पार्र्किंग का प्रस्ताव तैयार किया था।
हुई परिषद बैठक में ग्रेटर कैलाश रोड पर मल्टीलेवल मैकेनाइज्ड पार्किंग का प्रस्ताव रखा गया था। उस दिन बहस नहीं होने के चलते ये रूक गया था, जिसके बाद इस प्रस्ताव पर हाल ही में हुई परिषद की बैठक में चर्चा हुई, जिस पर जमकर हंगामा हुआ। एमआईसी सदस्य दिलीप शर्मा व अन्य पार्षदों ने यह कहकर हंगामा किया था कि यह प्रस्ताव पारित हो गया है। अब इस पर बहस क्यों करवाई जा रही है। ये नियमों के खिलाफ है।
इतनी कारों की जगह, इतना था खर्चा

एमआईसी में मंजूरी के लिए आए प्रस्ताव के अनुसार ग्रेटर कैलाश मार्ग पर बनने वाली 6 फ्लोर पार्किंग में 186 कारें एक साथ खड़ी हो सकेंगी। निर्माण पर करीब 15 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। निर्माण कार्य जहां 6 माह में पूरा कर लिया जाएगा, वहीं पार्किंग सुविधा के 5 साल ऑपरेशन व मेंटेनेंस में लगभग 7 करोड़ रुपए की राशि व्यय होने का अनुमान है
ग्रेटर कैलाश मार्ग पर संस्कार गल्र्स हॉस्टल से लगी लगभग 15 हजार वर्गफीट जमीन पर मल्टी लेवल मैकेनाइज्ड पार्किंग बनाने की प्लानिंग थी। इसके के ६ फ्लोर बनने है। कारें ऑटोमैटिक लिफ्ट कर खाली जगह पहुंच जाएगी। ड्राइंग-डिजाइन के साथ योजना की लागत का काम निगम ने इस तरह की पार्किंग का निर्माण करने वाली एजेंसी आरआर पार्कोन से कराया था।
आम लोगों पर नहीं आए बोझ

&हर कार के लिए साढ़े १५ लाख रुपए खर्च अनुचित है, क्योंकि हर आम नागरिक पर इसका खर्च आना है। वाहन हर वर्ष बढ़ते जा रहे हैं, पांच वर्ष में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी। इसके अलावा अन्य वाहन भी लगातार बढ़ेंगे। एेसे में एक नीति बनाना जरूरी है, ताकि भविष्य में पार्किंग जैसी समस्या का समाधान हो सके।
डॉ. सुधीर खेतावत, वरिष्ठ चिकित्सक
पार्किंग पॉलिसी की शहर को जरूरत

अगले पांच साल में शहर में कारें दोगुनी हो जाएगी। इनके लिए पार्किंग की जगह कहां मिलेगी? ग्रेटर कैलाश रोड पर जो पार्किंग प्रस्तावित है, उसकी लागत 15 करोड़ आ रही है जिसमें मात्र 186 कार पार्किंग होगी। शहर की बढ़ती वाहन संख्या और मल्टीलेवल पार्किंग के लिए गंभीर नीति बनानी होगी।
किशोर कोडवानी, सामाजिक कार्यकर्ता

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