पीडि़ता के पेट में १३ सप्ताह का गर्भ है गुरुवार को जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट के समक्ष मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पेश की गई जिसमें यह बात सामने आई की पीडि़ता के पेट में १३ सप्ताह का गर्भ है और गर्भपात करने में लडक़ी की जान को कोई खतरा नहीं है। मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर भी कोर्ट में उपस्थित थे। रिपोर्ट और डाक्टरों के बयान के आधार पर कोर्ट ने एक सप्ताह में नाबालिग का गर्भपात कराने की इजाजत दी है।
लडक़ी के गायब होने पर पिता ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी एडवोकेट दीपक रावल और धर्मेंद्र चेलावत के मुताबिक उज्जैन के आगर में रहने वाली १६ वर्षीय युवती को क्षेत्र में रहने वाला आरोपी रंजीत २४ फरवरी को बहला फुसला कर अपने साथ ले गया था। लडक़ी के गायब होने पर पिता ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। १९ मार्च को पुलिस ने युवती को रंजीत के पास से बरामद किया था। इसके बाद जब मेडिकल किया गया तो नाबालिग के गर्भवती होने की जानकारी मिली थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में केस दर्ज किया था। इसके बाद जिला अस्पताल में गर्भपात की इजाजत मांगी गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने इनकार कर दिया था। ११ मई को पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात की इजाजत मांगी थी। १४ मई को जस्टिस एससी शर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई थी, कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था जो गुरुवार को पेश की गई थी।