डीएवीवी के युवाओं की इलेक्ट्रोनिक्स, इकानोमिक्स, कामर्स, डाटा साइंस में खासी डिमांड है. यहां के 1265 विद्यार्थियों के लिए 156 कंपनियां आईं जिन्होंने 1744 जॉब आफर दिए हैं। हालांकि विज्ञान क्षेत्र के विभागों के विद्यार्थियों की प्लेसमेंट की स्थिति ठीकठाक नहीं रही है। इन विभागों में महज तीन से चार कंपनियां आईं हैं। सूत्रों के मुताबिक अधिकांश छात्र-छात्राओं को आफ कैम्पस नौकरी ही मिलती है।
डीएवीवी में अभी जहां आठ विभागों के विद्यार्थियों को सेल के माध्यम से नौकरियां मिली हैं वहीं अगले सत्र से इन्हें कम से कम पंद्रह विभागों से प्लेसमेंट की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इस तरह सेल को अब आठ अन्य अध्ययनशालाओं के विद्यार्थियों के लिए नौकरियां ढूंढनी होंगी।
इस संबंध में कुलपति डा. रेणु जैन ने निर्देश जारी कर दिए हैं। कुलपति ने सेल से कम से कम पंद्रह विभागों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। कुलपति ने सेल को फिजिक्स, केमेस्ट्री, लाइफ साइंस, पत्रकारिता, सोशल साइंस जैसे विभागों की जिम्मेदारी भी दी है। अगले सत्र से इन विभागों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होंगे। यहां अब बाकी विभागों के विद्यार्थियों के लिए भी कंपनियों से संपर्क किया जाएगा, जिसमें उन विभागों के शिक्षकों को प्लेसमेंट की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने जल्द ही सेल की अलग से बिल्डिंग बनाने की बात भी कही है। हालांकि इसमें कुछ साल लग सकते हैं। अभी आइईटी, आइएमएस, आइआइपीएस में से किसी एक में सेल का आफिस रखने पर विचार हो रहा है। सेल से जुड़ी गतिविधियों पर होने वाला खर्च विवि उठाएगा जिसके लिए जल्द ही राशि आवंटित होगी।