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सरकार के आदेशों का उड़ाया जा रहा मखोल
एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में 21 दिनों का लॉकडाउन किया है। साथ ही सूबे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के ज्यादा गंभीर हालात वाले शहरों, जैसे इंदौर, भोपाल और जबलपुर में कर्फ्यू भी लगा दिया है। सरकार की ओर से ये व्यवस्था इसलिए लागू किया गया है, ताकि कोरोना के संक्रमण को तेजी से बढ़ने से रोका जा सके। बावजूद इसके खासतौर पर इंदौर की जनता इस भयावय महामारी को गंभीरता से लेने को तैयार नहीं है।
व्यवस्था भी रास नहीं आ रही
सीएम के आदेश के बाद खाने-पीने और जरूरी सामान से संबंधित चीजों की खरीदारी के लिए सुबह 7 से 2 बजे तक का समय सुनिश्चित किया गया है। जबकि राजधानी भोपाल समेत अन्य शहरों में ये व्यवस्था सुबह 7 बजे से लेकर सुबह 10 बजे तक की सुचारू की गई है। स्थानीय प्रशासन ने यहां खरीदारी के लिए अधिक समय देने का कारण शहर की अधिक आबादी को बताया है। शहर के लोगों को खरीदारी का समय इसलिए भी अधिक दिया गया है, ताकि बाजारों और खरीदारी की दुकानों पर अधिक भीड़ न लगे। बावजूद इसके शहर के लोग नियमानुसार चलने को तैयार नहीं है। बाजारों और सब्जीमंडी में अब भी एक साथ सैकड़ों लोगों की भीड़ आमतौर पर खरीदारी के समय देखी जा रही है। साथ ही लोग WHO द्वारा दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन करते भी नजर नहीं आ रहे हैं।
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इंदौर में संदिग्ध मरीजों की स्थिति
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, शहर में अब तक 260 मरीजों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 33 लोगों को संदिग्ध माना गया है। जबकि, अब तक 10 मरीज पॉजिटिव सामने आ चुके हैं। वहीं, 60 निगेटिव कैस रहे। साथ ही, जिले में सामने आए 9 संदिग्धों के घरों को एपिसेंटर घोषित किया गया है। इन घरों के आसपास के तीन कि.मी का एरिया भी कंटेमेंट एरिया घोषित किया गया है।