इस रेल लाइन में टीही से जाने वाले कंटेनर वडोदरा होकर जल्दी मुंबई और कांडला बंदरगाह तक पहुंचेंगे। इंदौर से जाने वाली ट्रेनें गुजरात होकर जल्द ही महाराष्ट्र पहुंच सकेंगी और मुंबई के लिए सफर का समय भी कम हो जाएगा।
प्रोजेक्ट में इंदौर से टीही तक का काम पूरा हो चुका है और कंटेनर ट्रेनें चलाई भी जाने लगी हैं। छोटा उदयपुर से धार के बीच का काम भी पूरा होने की कगार पर है। रेलवे सूत्रों के अनुसार भविष्य में इससे इंदौर छोटा उदयपुर तक जुड़ सकता है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यहां से कई ट्रेनें संचालित हो सकेंगी। टीही से जाने वाले कंटेनर वडोदरा होकर जल्दी मुंबई पहुंच सकेंगे। ट्रेनें गुजरात होकर जल्द ही महाराष्ट्र पहुंच सकेंगी, वहीं इंदौर से मुंबई की दूरी भी कम होगी।
205 किलोमीटर लंबी इंदौर दाहोद रेललाइन इंदौर से पीथमपुर, धार, सरदारपुर, झाबुआ से होते हुए एमपी को गुजरात तथा महाराष्ट्र से जोड़ेगी। इसमें सर्वाधिक 184 किमी हिस्सा मध्यप्रदेश में पड़ता है। प्रोजेक्ट के अंतर्गत 331 छोटे—बड़े पुल पुलिया बनाए जाएंगे। रेलवे ने रुकी हुई इस रेल लाइन के लिए टेंडर जारी कर जल्द निर्माण प्रारंभ करने की बात कही है। इसके लिए कुल 75040280.48 रुपये की राशि के टेंडर जारी किए गए हैं।
एक नजर
- 205 किलोमीटर लंबी रेल लाइन
- प्रोजेक्ट लागत 2000 करोड़
- अब तक खर्च हुए— 847 करोड़ रुपये
- काम पूरा हुआ— इंदौर से टीही के बीच 21 किलोमीटर तक का
- कुल रेलवे स्टेशन 32