अलग-अलग लालच देकर बदमाश कर रहे ठगी बैंक में नौकरी
क्राइम ब्रांच में एक युवती ने शिकायत की, इसमें उसने बताया, कुछ दिनों पूर्व एचडीएफसी बैंक में नौकरी दिलाने के संबंध में एक मोबाइल नंबर से रोहित रंजन नामक व्यक्ति का फोन आया था। इसके बाद फ्रॉड ने उन्हें ऑफर लेटर भेजने के नाम पर ७२ हजार मांगे। जिसे एसबीआई के खाते में जमा करने के लिए उसके द्वारा खाता नंबर भी दिया। युवती ने ठग की बातों में आकर रुपए जमा कर दिए। उसे ई-मेल के माध्यम से ठग ने ऑफर लेटर भी भेजा। युवती संबंधित बैंक ब्रांच के एचआर से मिलने गई तो उसे पता चला, उक्त लेटर फर्जी है। फिलहाल युवती द्वारा मिली बैंक डिटेल, मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच जांच में जुटी है।
क्राइम ब्रांच में एक युवती ने शिकायत की, इसमें उसने बताया, कुछ दिनों पूर्व एचडीएफसी बैंक में नौकरी दिलाने के संबंध में एक मोबाइल नंबर से रोहित रंजन नामक व्यक्ति का फोन आया था। इसके बाद फ्रॉड ने उन्हें ऑफर लेटर भेजने के नाम पर ७२ हजार मांगे। जिसे एसबीआई के खाते में जमा करने के लिए उसके द्वारा खाता नंबर भी दिया। युवती ने ठग की बातों में आकर रुपए जमा कर दिए। उसे ई-मेल के माध्यम से ठग ने ऑफर लेटर भी भेजा। युवती संबंधित बैंक ब्रांच के एचआर से मिलने गई तो उसे पता चला, उक्त लेटर फर्जी है। फिलहाल युवती द्वारा मिली बैंक डिटेल, मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच जांच में जुटी है।
सरकारी नौकरी
एरोड्रम थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की है। उन्होंने एक विज्ञापन देखा, जिसमें भारतीय ग्रामीण विकास संस्थान में ग्राम सभा के विकास अधिकारी के पद पर नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। कुछ दिन बाद उन्हें एक ठग ने फोन पर पत्नी के मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन होने की सूचना दी। उसने नौकरी का लालच दिलाते हुए बैंक खाते में टुकड़ों में करीब ४० हजार जमा करवा लिए। बाद में ठग ने फोन बंद कर लिया।
एरोड्रम थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की है। उन्होंने एक विज्ञापन देखा, जिसमें भारतीय ग्रामीण विकास संस्थान में ग्राम सभा के विकास अधिकारी के पद पर नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। कुछ दिन बाद उन्हें एक ठग ने फोन पर पत्नी के मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन होने की सूचना दी। उसने नौकरी का लालच दिलाते हुए बैंक खाते में टुकड़ों में करीब ४० हजार जमा करवा लिए। बाद में ठग ने फोन बंद कर लिया।
एटीएम फ्र ॉड
ठगोरे खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों को अपना निशाना बनाते हैं। तकनीकी कारणों से बंद हो चुके एटीएम कार्ड को चालू करने के बहाने बैंक खाते संबंधित गोपनीय जानकारी पूछता है। खाताधारक उसकी बातों में आकर एटीएम कार्ड नंबर व मोबाइल पर आने वाले ओटीपी नंबर बता देता है। जिसके बाद ठग खाते में जमा राशि का गलत इस्तेमाल कर ऑनलाइन शॉपिंग करता है। इसी तरह ठग द्वारा लोगों को क्रेडिट कार्ड दिलाने के नाम पर चपत लगाई जा चुकी है।
ठगोरे खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों को अपना निशाना बनाते हैं। तकनीकी कारणों से बंद हो चुके एटीएम कार्ड को चालू करने के बहाने बैंक खाते संबंधित गोपनीय जानकारी पूछता है। खाताधारक उसकी बातों में आकर एटीएम कार्ड नंबर व मोबाइल पर आने वाले ओटीपी नंबर बता देता है। जिसके बाद ठग खाते में जमा राशि का गलत इस्तेमाल कर ऑनलाइन शॉपिंग करता है। इसी तरह ठग द्वारा लोगों को क्रेडिट कार्ड दिलाने के नाम पर चपत लगाई जा चुकी है।
जागरू कता जरूरी
ऑनलाइन फ्रॉड के संबंध में करीब १८ से २० शिकायतें पुलिस को रोजाना मिल रही है। क्राइम ब्रांच लगातार एेसी शिकायतों पर जांच कर अपराधियों की तलाश करता है। ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को पुलिस द्वारा चलाए जाने वाले अभियान से जुडऩा चाहिए।
अमरेंद्र सिंह,
एएसपी क्राइम ब्रांच