स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार 3 बार से देश में नंबर वन आ रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में हैट्रिक मारने के लिए निगम ने शहर में कई जगह खूबसूरत वॉल पेंटिंग बनवाई है। इन वॉल पेंटिंग पर कई संस्थानों ने अपने विज्ञापन के पोस्टर चिपका दिए। इसकी शिकायत जब स्वच्छ भारत मिशन के अपर आयुक्त रजनीश कसेरा तक पहुंची तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग अमले को वॉल पेंटिंग पर विज्ञापन के लिए पोस्टर चिपकाने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई के आदेश दिए।
इसके बाद स्वास्थ्य अधिकारी लखन शास्त्री, सीएसआई भंवर घावरी और उनकी टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि जोन क्रमांक 5 और 6 के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में स्कूलों के विज्ञापन वॉल पेटिंग पर चिपके हुए हैं। इस पर उन्होंने पोस्टर चिपकाने वाले न्यू डेली हायर सेकंडरी स्कूल, नंदा नगर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर वसूल किया है।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई लगातर जारी रहेगी। इधर, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (सीएसआई) राकेश डंगोरिया और प्रभारी सीएसआई सत्येंद्र सिंह तोमर ने रेडीमेड कॉम्प्लेक्स में कचरा और गंदगी खुले में फैंकने पर टेंडस अपेरल्स प्रायवेट लिमिटेड पर कार्रवाई करते हुए 20 हजार रुपए का स्पॉट फाइन कर राशि वसूली।
कचरा डालते स्टेशन मास्टर को पकड़ा, माफी मांगी जोन-5 सुखलिया में सयाजी होटल के पास लिटर बिन में एक रहवासी घर से कचरा लाकर डाल गया। सीएसआई भंवर घावरी ने देखा और कचरा डालने वाले का पीछा कर बापट चौराहा पर रोका। इस पर उस व्यक्ति ने बताया कि वह लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन का स्टेशन मास्टर है। ड्यूटी पर जा रहा था, जल्दी कार्यस्थल पर जाने के कारण क्षेत्र में आने वाले कचरा संग्रहण वाहन में न डालते हुए लिटरबिन में कचरा डाला।
इस कृत्य पर उन्होंने माफी मांगते हुए भविष्य में इस प्रकार फुटपाथ पर लगे लिटनबिन में कचरा न डालते हुए कचरा संग्रहण वाहन में ही कचरा डालने की बात कही। इसके बावजूद निगम ने कार्रवाई कर 250 रुपए का का स्पॉट फाइन वसूल किया।