फरियादी डॉक्टर विजय चौरडि़या निवासी अनुराग नगर ने डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र के समक्ष शिकायत की। तब उन्होंने बताया, कुछ समय से अनिल नामक व्यक्ति उनसे इलाज करवा रहा है। वह अपने बच्चों का भी इलाज उनसे करवाता है। उसने फोन पर बातचीत में मुंबई चले जाने की बात कही। कहने लगा कि वह मुंबई सैमसंग कंपनी में मार्केटिंग हेड है। दीपावली के समय डॉक्टर को घर के लिए ओवन और मोबाइल खरीदना था। इस बीच अनिल का उन्हें फोन आया। वह कहने लगा कि ६ हजार में ओवन और ३५ हजार कीमत का मोबाइल ऑफर में 14 हजार में दिलवा देगा। डॉक्टर को ऑफर अच्छा लगा। इसके बाद अनिल ने पेटीएम से उक्त राशि जमा करवा ली। 15 दिन बीतने के बाद भी डॉक्टर को प्रॉडक्ट नहीं मिले।
पेटीएम को किया मेल डॉक्टर ने बताया, उन्होंने मरीज की पहचान पता करने के लिए सैमसंग कंपनी को मेल किया। वहां से उन्हें पता चला कि इस नाम का कोई व्यक्ति उनके यहा मार्केटिंग हेड के पद पर नहीं है। फिर उन्होंने पेटीएम से मेल भेज रुपए लौटा देने के संबंध में मेल भेजा। वहां से उन्हें बगैर पुलिस हस्तक्षेप के कोई कार्रवाई नहंी करने की बात कही। इसके बाद वे डीआईजी के पास मदद मांगने पहुंचे।
कार्रवाई से मिले रुपए डीआईजी मिश्र ने एएसपी अमरेंद्र सिंह को कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने आरोपी अनिल के खाते को ब्लॉक करवा दिया। अचानक बैंक ट्रांजेक्शन रुक जाने से वह घबरा गया। पता चला वह सतारा में रहता है। फिर पेटीएम को पुलिस ने मेल कर आरोपी का खाता सीज करने का मेल भेजा। कुछ ही घंटों में डॉक्टर के खाते में रुपए आ गए। बाद में आरोपी ने ओवन के नाम पर लिए रुपए भी लौटा दिए। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की है।
भरोसा न करें डॉक्टर ने बताया, उन्होंने विश्वास में आकर मरीज से डील की। उन्होंने बताया कि यदि मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सहित कोई भी आकर्षक वस्तु किसी को खरीदना हो तो वह सीधे शोरूम व संबंधित कंपनी आउटलेट से खरीदे। यदि कोई पेटीएम से डायरेक्ट किसी व्यक्ति विशेष को खरीदारी के लिए रुपए भेजता है तो वह जरूरी नहीं की सुरक्षित हो। ठगी होने पर समय रहते पुलिस से संपर्क करें तो ठगी की राशि मिलने की उम्मीद बढ़ जाती है।