नगर निगम ने बीते साल अप्रैल में एमएस होटल हादसे के बाद शहर में मौजूद खतरनाक मकानों की सूची तैयार करवा कर 145 खतरनाक मकान तीन जोनल कार्यालय में ही चिह्नित किए थे। इसके अलावा जनवरी 2019 में भी नगर निगम ने खतरनाक मकानों की एक सूची तैयार की, जिसमें 50 से ज्यादा अन्य मकानों को खतरनाक घोषित किया था। अभी तक इन 195 खतरनाक मकानों की सूची में से महज 50 को गिराया है। बीते दो माह में केवल चार मकान ही तोड़े हैं। इनमें से पहले तोड़े गए दो मकान में से एक नंदलालपुरा में व दूसरा संयोगितागंज थाने के पीछे बना चार मंजिला मकान था। इसके अलावा दो मकान रावजीबाजार और नृसिंह बाजार में शुक्रवार को तोड़े गए। नंदलालपुरा और नृसिंह बाजार के मकानों को भाजपा नेताओं की शह पर तोड़े जाने की बात सामने आई, जबकि संयोगितागंज थाने के पीछे स्थित उषागंज का मकान और रावजी बाजार का मकान कांग्रेस नेताओं की सरपरस्ती में तुड़वाए जाने के आरोप लगे हैं।
किराएदारों से था विवाद उषागंज का मकान कांग्रेस नेता और इंदौर जनपद अध्यक्ष विजयलक्ष्मी पारिया के नाम पर था। इन सभी मकानों में किराएदारों का कब्जा था और उनका मकान मालिकों से विवाद भी चल रहा था। शहर में 150 से ज्यादा खतरनाक मकान अभी भी खड़े हैं, जिन्हें तोडऩे में नगर निगम का ध्यान नहीं है। इसमें हुकमचंद मार्ग (नृसिंह बाजार) क्षेत्र जहां महापौर मालिनी गौड़ खुद रहती हैं, पांच से ज्यादा मकान खतरनाक हालत में हैं। सबसे बुरी स्थिति गोराकुंड चौराहे पर स्थित पोरवाल सेंव भंडार का मकान है, जिसकी ऊपरी मंजिल कई जगह से गिर रही है, लेकिन इस संकरे चौराहे पर खड़े मकान पर नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।द
मालिकों ने उत्सव भवन की कराई रिपेयरिंग पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के श्रद्धानंद मार्ग स्थित मकान उत्सव भवन को निगम ने खतरनाक बताकर नोटिस जारी किया था। हालांकि हाई कोर्ट के स्टे के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई। मकान के हिस्से खरीदने वालों ने मकान के खतरनाक बताए जा रहे हिस्सों की रिपेयरिंग करवा ली है।
पर्याप्त पुलिस बल नहीं मिल पाया -लगातार कार्रवाई के लिए नोटिस जारी हो रहे हैं। कई जगह पर पर्याप्त पुलिस बल नहीं मिलने या कानूनी कार्रवाई के चलते कार्रवाई नहीं कर पाते। – देवेंद्रसिंह, अपर आयुक्त