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इंदौर

गणतंत्र दिवस पर इंदौर के युवा चाहते हैं ऐसा हिंदुस्तान

जब युवाओं से पूछा कि वे कैसा भारत देखना चाहते हैं तो उन्होंने कई गंभीर मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी …

इंदौरJan 25, 2018 / 07:43 pm

अर्जुन रिछारिया

26 republic day
इंदौर. गणतंत्र दिवस के मौके पर इंदौर के युवाओं ने कई राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। पत्रिका से विशेष चर्चा के दौरान युवाओं ने खस्ताहाल एजुकेशन सिस्टम, जातिवाद और महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों को उठाया। कुछ युवाओं ने देश की समस्याएं गिनाईं तो कुछ ने स्वर्णिम भविष्य के लिए सुझाव भी दिए। इस चर्चा में साफ हुआ कि आज का युवा कैसा हिन्दुस्तान देखना चाहता है।
एक फिल्म के लिए पूरे देश में अराजकता कतई बर्दाश्त नहीं होगी
अदिति मोटे ने कहा कि पद्मावत फिल्म को बंद करने के लिए जो अराजकता फैलाई जा रही है वह कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती। आज जिस तरह से लोग कानून को हाथ में ले रहे हैं उससे पूरे देश का माहौल बिगड़ रहा है। हमारे देश में जाति-धर्म के नाम पर जो राजनीति होती है वो बहुत ही खतरनाक है। कुछ लोगों की वजह से आज पूरा देश आग में जल रहा है। उन लोगों को तो तुरंत जेल में डाल देना चाहिए जो ऐसे माहौल में स्कूली बच्चों तक को नहीं छोड़ रहे हैं।
महिलाओं के प्रति सोच बदलनी होगी
अनुषा व्यास ने कहा कि महिलाओं के प्रति सोच बदलना होगी। रेप केस के कई ऐसे मामले आते हैं जिनमें अपराधी मासूम बच्चियों को शिकार बनाते हैं। ये कैसा समाज है जिसमें हम जी रहे हैं। ऐसे लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि कोई भी अपराधी ऐसा करने का सोच भी न सके।
बंद हो शादियों में फिजूलखर्च
भावना कैथवास ने कहा कि शादियों में फिजूलखर्च बंद होना चाहिए। लोग शादी के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं जबकि इस पैसे से गरीबों की बहुत मदद हो सकती है। यह पैसा समाज में कई बड़े बदलाव ला सकता है।
समाजसेवा के नाम पर हो रहा है दिखावा
गरिमा सिंह ने कहा कि समाजसेवा के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है। लोग करते बहुत कम हैं और सोशल मीडिया पर बढ़ा चढ़ाकर दिखाते हैं। इस तरह का ट्रेंड बहुत गलत है जिसे बंद होना चाहिए। यह आज के डिजिटल मीडिया के साइड इफेक्ट हैं जिसका हम शिकार हो रहे हैं।
नेताओं का बखान करना बंद करे मीडिया
विनिता शिंदे ने कहा कि नेता और पार्टियां मीडिया से खेल रहे हैं। मीडिया को इनसे दूरी बनाकर रखना चाहिए और सच पर हमेशा कायम रहना चाहिए। विनिता ने कहा कि मीडिया को सिर्फ पत्रकारिता करना चाहिए किसी पार्टी की पीआर कंपनी नहीं बनना चाहिए।
कब सुधरेगा हमारा एजुकेशन सिस्टम
सुमित गुर्जर ने कहा कि देश में कमजोर एजुकेशन सिस्टम बहुत बड़ी समस्या होता जा रहा है। हर साल लाखों लोग पढ़कर निकलते हैं लेकिन नौकरी बहुत ही कम लोगों को मिल पाती है। सरकार को शिक्षा व्यवस्था पर सबसे पहले ध्यान देना चाहिए।
खत्म हो जातिवाद, सबसे पहले हम भारतीय हैं
अक्षय हार्डिया ने जातिवाद का मुद्दा उठाया। अक्षय ने कहा कि देश को जातिवाद का जहर खाता जा रहा है। हमें सबसे पहले भारतीय होने का नारा लगाना चाहिए लेकिन आज हर व्यक्ति पहले जाती का झंडा उठाए हुए है।
युवाओं को आगे आना चाहिए, खुलकर अपनी बात रखना चाहिए
राम कुमार लोधी ने युवाओं से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खुलकर प्रयोग करने की अपील की। राम ने कहा कि युवाओं को देश का सिस्टम बदलने के लिए सामने आना चाहिए और हर मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखना चाहिए।
शहीदों के पूरे परिवार की जिम्मेदारी ले सरकार
पिंटू बटाने ने शहीदों के परिवारों की समस्या को उठाया। पिंटू ने कहा कि शहीदों के परिवारों का पूरा खर्च सरकार को उठाना चाहिए। अगर सरकार उनकी मदद न करे तो समाज को उनकी मदद करने के लिए आगे आना चाहिए।
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