श्रीनाथ कॉलोनी में मजदूरी करने वाले बाबूलाल की तीन वर्षीय बेटी संध्या का शव शनिवार सुबह उनके पतरे के घर से १०० मीटर की दूरी पर वेयर हाउस के पीछे खजूर के टूटे झाड़ के पास मिला। बच्ची की मां सुबह शौच करने गई तो उसे अपनी बेटी का शव वहीं पड़ा दिखा। जिसे वह उठाकर घर ले लाई। साथ ही पुलिस को सूचना दी। मौके पर इंदौर पश्चिम एसपी महेशचंद जैन, एएसपी पुनीत गेहलोत, एसडीओपी विनोद शर्मा आदि पहुंचे। इंदौर से एफएसएल टीम भी मौके पर पहुंची। बच्ची के सिर पर चोट के निशान मिले। पुलिस के अनुसार बाबूलाल के तीन बच्चे हैं, जिसमें चार वर्षीय बड़ी बेटी व दो माह का बेटा भी है।
पूछताछ में संध्या की मां ने बताया कि शाम को मैं खाना बना रही थी। बड़ी बेटी घर के पास ही खेल रही थी व छोटी बेटी संध्या भी घर के पास ही थी, शाम को उसे खाना भी खिलाया। बाद में संध्या को देखा तो वह कहीं नहीं दिखी। शाम को पिता मजदूरी कर लौटे तो उनके सहित आसपास में रहने वाले सभी लोगों ने बच्ची को तलाशना शुरू किया। रात तक बच्ची कहीं नहीं मिली। सुबह जब मां शौच के लिए घर से दूर खेत की ओर गई तो संध्या का शव यहां खजूर के टूटे हुए पेड़ के पास पड़ा हुआ मिला। और उसके माथे पर चोट लगी मिली व चेहरे पर खून के निशान थे।
कितनी दूर तक कैसे गई इस पर शंका, गलत हरकत से इनकार
एएसपी पुनीत गेहलोत ने बताया शव को पीएम के लिए भेज दिया है। रविवार को शॉर्ट पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। उनके घर के आसपास मजदूरी करने वाले लोग रहते हैं, करीब २५ परिवारों की बस्ती है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। एएसपी के अनुसार बच्ची से गलत हरकत करने जैसे बात नहीं है, ऐसा कोई प्रमाण भी नहीं मिला। पुलिस को इस बात पर शंका है कि बच्ची घर से खुद इतनी दूर नहीं जा सकता, क्योंकि रास्ता उखड़-खाबड़ है।
गुमशुदगी की सूचना पुलिस को नहीं दी
श्रीनाथ कॉलोनी क्षेत्र के पास एक दुकान पर सीसीटीवी लगा मिला, जिसके फुटेज पुलिस खंगाल रही है। किशनगंज थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया बच्ची का शव मिलने की सूचना तो उसके ही परिवार से पुलिस को दी गई। लेकिन बच्ची की गुमशुदगी की सूचना शुक्रवार रात तक पुलिस को नहीं दी थी।