ओएसडी राघव जायसवाल के पास बीएचएससी के मूल्यांकन का जिम्मा था। सिर्फ 300 कॉपियां जंचवाने में ओएसडी ने भारी लापरवाही की। चार महीने में भी कॉपी नहीं जंचने पर यूनिवर्सिटी ने नोटिस दिया तो जायसवाल ने इसके जवाब में झूठी जानकारी दे दी। जायसवाल का कहना था, डीन ने उन्हें मूल्यांकनकर्ताओं के नाम नहीं दिए। इस पर यूनिवर्सिटी ने डीन से भी जवाब मांगा।
डीन ने बताया, वे पहले ही मूल्यांकनकर्ताओं की सूची दे चुके हैं। इस मामले की जांच करते हुए यूनिवर्सिटी ने जायसवाल को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की। परीक्षा नियंत्रक प्रो.अशेष तिवारी व गोपनीय विभाग की डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर ने ओएसडी को हटाने के आदेश जारी किए। शाम को ही यह आदेश मूल्यांकन केंद्र भी भिजवा दिए गए।
कोरी कॉपियां मिलने पर हुआ था बवाल जायसवाल निजी कॉलेज में स्पोट्र्स ऑफिसर हैं। करीब एक साल पहले मूल्यांकन केंद्र पर जायसवाल की अलमारी से कोरी कॉपियां मिली थीं। नियमानुसार एक-एक कॉपी का रिकॉर्ड रखना होता है। वह तब भी कार्रवाई के दायरे में था, लेकिन मूल्यांकन केंद्र के अफसरों ने मामले को रफा-दफा करा दिया।