संभागीय स्तर पर हुए इस कार्यक्रम में ६ हजार से अधिक विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया था। कई विद्यार्थी अपने परिजन के साथ भी यहां आए। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के जिस हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया गया, उसकी बैठक क्षमता ३५०० थी, लेकिन ५ हजार से अधिक विद्यार्थियों को अंदर प्रवेश दे दिया गया। जब बैठने की जगह नहीं बची तो विद्यार्थियों को नीचे फर्श पर ही बैठा दिया गया। कुछ देर बाद सैकड़ों कुर्सियां भी बुलवाई गईं, लेकिन जगह नहीं होने से उन्हें बाहर ही रखवा दिया गया।
खाने के लिए मारामारी कार्यक्रम खत्म होते ही हजारों विद्यार्थी बाहर आए। हर जिले के हिसाब से काउंटर बनाए गए थे। यहीं पर साथ आए शिक्षकों को भोजन पैकेट अपने साथ वाहन तक ले जाना था, लेकिन अचानक व्यवस्था बिगड़ गई और शिक्षकों ने बच्चों को खाने के पैकेट थमा दिए। बाहर बारिश हो रही थी और बच्चे खाने के पैकेट और पानी के कैरेट ढोकर जा रहे थे। जो खाने के पैकेट्स भी दिए गए, उसमें भी खाना बेहतर नहीं था।
दर्जनों अध्यापकों के वेतन की फाइल ट्रेजरी में अटकी शिक्षा विभाग के शिक्षक-अध्यापकों को वेतन माह की १५ तारीख के बाद भी जारी नहीं हो रहा है। इसमें विभागीय अफसर और ट्रेजरी दोनों की खामियां सामने आ रही हैं, जबकि लोक शिक्षण संचालनालय ने सख्त आदेश जारी किया है कि अगर वेतन बिल समय पर नहीं बनता है तो तत्काल जिम्मेदार अफसर और संकुल प्राचार्य पर कार्रवाई की जाए। यह काम जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया है, लेकिन उन्होंने एक भी संकुल पर कार्रवाई नहीं की है। इधर, शिक्षक अपना वेतन जारी नहीं होने पर संकुल कार्यालय से लेकर ट्रेजरी तक हर दिन चक्कर लगा रहे हैं। ताजा मामला बक्षीबाग संकुल का है। नियमानुसार माह की ५ तारीख तक सभी शिक्षकों और अध्यापकों का वेतन जारी हो जाना चाहिए, लेकिन बक्षीबाग संकुल में २० तारीख बाद भी वेतन जारी नहीं हुआ है। इस मामले में संकुल प्राचार्य, बीइओ और ट्रेजरी तीनों की खामियां सामने आ रही हैं। दरअसल ११ तारीख को संकुल और बीइओ कार्यालय से इस संकुल का वेतन बिल ट्रेजरी कार्यालय पहुंचा। यहां पर तत्काल बिल जारी कर वेतन जारी कर देना था, लेकिन बिल आज तक जारी नहीं किया गया।