must read : पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल आई बॉडी देखकर चौंक गए डॉक्टर, जानें क्या है मामला कोर्ट की समझाइश पर दोनों पक्ष चार करोड़ 34 लाख रुपए में मान गए और केस खत्म हो गया। मेसर्स विनायक ऑटो लोन और सोहनपाल के बीच यह केस 2015 से कोर्ट में विचाराधीन था। इसके अलावा क्लैम के 517, सिविल के 62, बिजली कंपनी के 178, चेक बाउंस के 983 और प्री लिटीगेशन के 709 सहित कुल 2645 केसों का निराकरण किया गया।
must read : पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल आई बॉडी देखकर चौंक गए डॉक्टर, जानें क्या है मामला लोक अदालत बनी निगम का बड़ा सहारा 15 दिन में निगम के खाते में 55 करोड़ रुपए आए
आर्थिक तंगी से जूझ रहे नगर निगम के लिए नेशनल लोक अदालत बड़ा सहारा बनकर सामने आई है। लोक अदालत के चलते शनिवार को निगम के खाते में 22 करोड़ रुपए जमा हुए। निगम को पिछले 15 दिनों में 55 करोड़ रुपए की आय इसके बाद हो चुकी है।
must read : पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल आई बॉडी देखकर चौंक गए डॉक्टर, जानें क्या है मामला शनिवार को लोक अदालत में पुराने बकायादारों को सरचार्ज में छूट दी गई थी। इसका फायदा इंदौर विकास प्राधिकरण ने भी उठाया। आईडीए ने लोक अदालत के दौरान स्कीम नंबर 97 पार्ट 4 का अपना पूरा बकाया राशि जमा करा दी। निगम को इससे ही 9.62 करोड़ रुपए की आय हो गई। दिनभर निगम मुख्यालय सहित निगम के जोनल केश काउंटर्स पर भीड़ लगी रही। इस दौरान लगभग 12 करोड़ रुपए की पुरानी बकाया राशि निगम को मिली।