must read : कुएं पर बने अवैध मकान को जब तोडऩे पहुंची टीम, तो दरवाजा खोलते ही दिखी ये चीज शहर के कॉलोनी-मोहल्लों में एक तरफ रात को भी स्ट्रीट लाइट्स नहीं जलती, तो कई इलाके ऐसे हैं, जहां दिन में भी स्ट्रीट लाइट चालू पड़ी रहती है। 24 घंटे रोशन होती हैं और हर महीने लाखों रुपए बिल निगम को भरना पड़ता है। इन्हें बंद करने के लिए निगम विद्युत विभाग और पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी अफसरों ने साथ बैठकर कई बार कागजी प्लानिंग की, लेकिन मैदानी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ। कारण कंपनी अफसरों का ढीलपोल रवैया बताया जा रहा है। बिजली की बर्बादी रोकने और भारी-भरकम बिल राशि से बचने के लिए निगम विद्युत विभाग ने अब खुद 24 घंटे जलने वाली स्ट्रीट लाइट्स बंद करने का फैसला लिया है। इसके लिए टेंडर बुलाए जा रहे हैं। इस पर निगम 45 लाख रुपए खर्च करेगा।
हालांकि विद्युत विभाग के अफसरों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले 24 घंटे जलने वाली स्ट्रीट लाइट्स में से 7 हजार के आसपास को बंद कर दिया है। अब वे रात में ही रोशन होती हैं। अब सिर्फ 15 हजार पोल की लाइट्स बची हैं, जो जल्द ही बंद की जाएंगी।
हालांकि विद्युत विभाग के अफसरों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले 24 घंटे जलने वाली स्ट्रीट लाइट्स में से 7 हजार के आसपास को बंद कर दिया है। अब वे रात में ही रोशन होती हैं। अब सिर्फ 15 हजार पोल की लाइट्स बची हैं, जो जल्द ही बंद की जाएंगी।
must read : दांत के दर्द का इलाज कराने गई महिला, खो बैठी आंखों की रोशनी, जानिए क्या है मामला इस कारण 24 घंटे रोशन… विद्युत विभाग अफसरों के अनुसार बिजली कंपनी ने लाइनें बदलने की योजना के तहत पोल से पुराने कंडक्टर हटा दिए और केबल लाइन बिछा दी। इसमें पांच की जगह चार कोर की केबल डाली, जिससे पोल की पूरी लाइन पर हर वक्त करंट रहता है। अमूमन स्ट्रीट लाइट्स के पांचवें तार में शाम के समय ही करंट प्रवाहित किया जाता है, ताकि रात में बिजली रहे। कंपनी ने केबल सिस्टम में गलती कर दी, जिससे कई इलाके ऐसे हो गए, जहां पोल पर हर समय लाइट चालू रहती हैं। कई जगह स्ट्रीट लाइट केबल नहीं डाली गई और कनेक्टर नहीं उतारे। नतीजतन पोल पर स्ट्रीट लाइट के तार डॉयरेक्ट जुड़ गए और वह 24 घंटे रोशन रहने लगीं।
ऐसे होगी बंद जिन पोल पर स्ट्रीट लाइट केबल नहीं डाली, वहां पर डाली जाएगी। जहां केबल डालने के बाद कनेक्टर नहीं उतारे गए, वहां यह काम किया जाएगा। इसके साथ ही लाइट बंद-चालू करने के लिए पैनल लगाई जाएगी। पहले यह काम निगम बिजली वितरण कंपनी के भरोसे करने जा रहा था, लेकिन हुआ नहीं। अब अपने खुद करेगा। जहां बिजली कंपनी की मदद लगेगी, वहां निगम मदद लेगा।