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सरकार का दावा – माईनिंग से मिलेंगे लाख रोजगार उद्योगपतियों ने कहा – इन नीतियों से नहीं चलेगा उद्योग

locationइंदौरPublished: Jul 13, 2018 11:31:26 pm

Submitted by:

amit mandloi

चतुर्थ राष्ट्रीय खान व खनिज सम्मेलन में सम्पन्न
11 राज्यों ने नीलामी के लिए प्रस्तुत की 102 खनिज खदानें

indore news

सरकार का दावा – माईनिंग से मिलेंगे लाख रोजगार उद्योगपतियों ने कहा – इन नीतियों से नहीं चलेगा उद्योग

मेक इन इंडिया के लिए माईनिंग इन इंडिया जरूरी
वर्तमान में जीडीपी में १.४ प्रतिशत हिस्सेदारी, १७ प्रतिशत भंडारों से ही दोहन

माईनिंग उद्योग की छवि को सुधारेगी सरकार, अवैध खनन के दंश से निकालेगी बाहर
इंदौर.

वर्तमान में दुनिया की नजरें भारत पर लगी है। मोदी सरकार मेक इन इंडिया के दम पर २०२२ तक नए भारत का निर्माण करने का नारा बुंलद कर रही है। इन्हीं के बीच शुक्रवार को खान मंत्रालय द्वारा आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय खान और खनिज सम्मेलन में विकास का विरोधाभासी चेहरा सामने आया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने दावा किया, देश के खनिज भंडारों को दोहन के लिए खोलने की जरूरत है। इनसे ही आगामी २०२५ तक ६० लाख रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर प्रमुख माईनिंग उद्योगपति बोले, वर्तमान नीतियां जारी रही तो देश से समाप्त हो जाएगा माईनिंग उद्योग। क्योंकि माईनिंग लीज पर लेने से खनिज निकालने तक ६० से ६२ प्रतिशत तक टैक्स चुकाना होता है। अब पॉवर की उपलब्धता पर भी शर्तें लाई जा रही है। कार्यक्रम की अध्यक्ष केंद्रीय खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर पूरे समय मौजूद थे। सरकार ने सम्मेलन में १०२ खनिज खदानों को नीलामी के लिए प्रस्तुत किया।
शुक्रवार को ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर मंे आयोजित सम्मेलन के शुभारंभ मौके पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, मप्र, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और उप्र के खनिज मंत्री, खनिज सचिव अनिल मुकीम, अरूणा शर्मा सहित २२ राज्यों के खनिज अफसर व २० से अधिक कंपनियों के सीईओ, एमडी मौजूद थे। सीइओ कांत ने कहा, माईनिंग सेक्टर में पहली बार इतना बड़ा आयोजन देख रहा हूं। खान मंत्रालय की गिनती मरे हुए मंत्रालय मंे होती थी। इसमें गति देख कर अच्छा लग रहा है। उन्होंने बताया, अगले तीस वर्षों में वर्तमान जीडीपी रेट ७.५ प्रतिशत को ९ से १० प्रतिशत पर ले जाना है। यह मेक इन इंडिया या कृषि से संभव नहीं होगी। माइनिंग इन इंडिया में ही बहुत अधिक संभावनाएं है। वर्तमान में मात्र १५ से १७ प्रतिशत ही खनिज संपदा का दोहन हो रहा है। वर्तमान के हिसाब से देखे तो निर्धारित क्षेत्र का दोहन करने में ६०० साल से भी अधिक समय लग जाएगा। इसलिए जरूरी है, माइनिंग करें। वर्तमान जीडीपी में माईनिंग का हिस्सा १.४ प्रतिशत है। जबकि अफ्रीका में ८, आस्ट्रेलिया में ७ व चाईना में ८ प्रतिशत की हिस्सेदारी है। इसके लिए नीतियों में बदलाव करने की जरूरत है। रायल्टी प्रक्रिया में सुधार लाना होगा। पूरे देश में एक समान नीति बना कर काम करने की जरूरत है। एेसा करेंगे तो आने वाले २०२५ तक इसी सेक्टर से ६० लाख रोजगार मिलने की संभावना है।

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