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बैंक-आरबीआइ की सलाह पर भारी पड़ रहे हाइटेक ठगोरे, साइबर अपराध में 60 प्रतिशत शिकायतें बैकिंग फ्रॉड की

locationइंदौरPublished: Dec 03, 2021 05:03:22 pm

बैंकिंग ऐप के इस्तेमाल में भी सावधानी की जरूरत, अस्पताल संचालक के अकाउंट से गायब हो गए थे 40 लाख
 

बैंक-आरबीआइ की सलाह पर भारी पड़ रहे हाइटेक ठगोरे, साइबर अपराध में 60 प्रतिशत शिकायतें बैकिंग फ्रॉड की

बैंक-आरबीआइ की सलाह पर भारी पड़ रहे हाइटेक ठगोरे, साइबर अपराध में 60 प्रतिशत शिकायतें बैकिंग फ्रॉड की

इंदौर. ऑनलाइन बैंकिंग के शुरुआती दौर में ठगोरों ने झांसा देकर ओटीपी हासिल कर बैंक खाते से राशि ट्रांसफर करने की वारदातें की। आरबीआइ और बैंक लगातार बैंकिंग फ्रॉड को लेकर जागरुकता अभियान चला रहे है लेकिन, ऐसे फ्रॉड लगातार जारी है। आज भी साइबर अपराध की जितनी शिकायतें आ रही है उसमें करीब 60 प्रतिशत बैंकिंग फ्रॉड से संबंधित है।
शुरुआती दिनों में झारखंड के गांवों में बैठे युवक लोगों को कॉल कर बैंक अधिकारी बनकर झांसा देकर ओटीपी हासिल कर बैंक से राशि निकालने के साथ ही ऑनलाइन खरीदी कर लेते थे। इस तरह के अपराध ज्यादा बढ़े तो आरबीआइ व सभी एजेंसियोंं ने लोगों को जागरुक करना शुरू किया। लगातार लोगों को मैसेज या सोशल मीडिया के जरिए सतर्क किया जा रहा है कि बैंक किसी से ओटीपी नहीं मांगती है लेकिन, फिर भी लोग झांसे में आ रहे है। इसी तरह बैंकिंग ऐप के जरिए भी धोखाधड़ी हो रही है। हाल ही में निजी अस्पताल संचालक के ओडी अकाउंट से 40 लाख की धोखाधड़ी हुई। बाद में आशंका जाहिर की गई कि बैंक के ऐप की तकनीकी गड़बड़ी से उनका खाता किसी और के खाते से लिंक हो गया और उसने राशि ट्रांंसफर कर दी। बैंक से साइबर सेल ने सवाल-जवाब भी किए।
खाता ब्लॉक, कार्ड बंद का झांसा सबसे ज्यादा
पुलिस के पास पहुंची शिकायतों में सबसे ज्यादा शिकायतें परंपरागत रूप से खाता ब्लॉक होने तथा क्रेडिट-डेबिट कार्ड बंद होने का झांसा देने की होती है। बैंक अधिकारी बन कॉल करने के बाद बातों में उलझाकर ओटीपी हासिल कर लिया जाता है। कई बार यूपीआइ कोड हासिल कर भी राशि ट्रांसफर कर ली जाती है।
हर दिन 5 शिकायतें, 60 प्रतिशत बैकिंग फ्रॉड की

क्राइम ब्रांच की हेल्पलाइन व साइबर सेल में हर दिन साइबर सेल की औसतन 5 शिकायतें आती है, इसमें से 3 शिकायतें बैकिंग फ्रॉड की होती है। बाकी शिकायतें सोशल मीडिया से संबंधित होती है। क्राइम ब्रांच के एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक, कोरोनाकाल में बैंक खाते से संबंधित फ्रॉड फिर बढ़ गए है।
लोग रखें सावधानी
– पुलिस के मुताबिक, बैंक कभी किसी को फोन कर ओटीपी की गोपनीय जानकारी नहीं मांगती है। कोई ये जानकारी मांगे तो समझ जाएं कि वह ठगोरा है, कोई जानकारी साझा न करें।
– अज्ञात व्यक्ति की बातों में न आए, कोई कोड स्कैन न करें।
– ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है तो 155260 अथवा क्राइम ब्रांच की हेल्पलाइन 7049124444,7049124445 पर सूचित करें।

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