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7 सरकारी अस्पताल मिलकर एमवायएच से आधी प्रसूति भी नहीं करा पा रहे

locationइंदौरPublished: Apr 18, 2019 03:49:53 pm

निजी अस्पताल जाने को मजबूर मरीज : सुविधाओं की शिफ्टिंग में सालभर से उलझा स्वास्थ्य विभाग

इंदौर. शहर में स्वास्थ्य विभाग एक साल से जिला अस्पताल निर्माण के लिए सुविधाओं की शिफ्टिंग में उलझा है पर अब तक काम शुरू होना तो दूर जर्जर इमारत भी नहीं गिराई जा सकी है। सबसे बुरी हालत महिला रोग व प्रसूति विभाग की है। विभाग के सात अस्पताल मिलकर एमवायएच से आधी प्रसूति भी नहीं करा पा रहे हैं। रात को किसी अस्पताल में सीजर डिलेवरी की व्यवस्था नहीं है। सारा दबाव एमवायएच पर आ रहा है। सुविधाएं नहीं मिलने से गरीब मरीज मजबूरी में निजी अस्पताल की राह पकड़ रहे हैं। जिला अस्पताल में प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए यहां की सुविधाएं अन्य अस्पतालों में शिफ्ट कर दी गईं। सीजर डिलेवरी सुविधा सिर्फ पीसी सेठी व हुकमचंद पॉली क्लीनिक में है पर सिर्फ प्लान डिलेवरी के केस में ऑपरेशन होते हैं। इमरजेंसी वाले मामलों को सीधे एमवायएच रैफर कर दिया जाता है। सालभर में एमवायएच में २० से २५ हजार तक डिलेवरी हो रही है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के सात अस्पताल मिलकर साल में ९ हजार से ज्यादा डिलेवरी केस भी नहीं कर पा रहे हैं।
अस्पतालों में दैनिक प्रसूति की स्थिति
एमवाय अस्पताल : डिलेवरी 45 से 55, सीजर 12 से 15
पीसी सेठी अस्पताल : डिलेवरी 10 से 15, सीजर 3 से 4
हुकमचंद पॉली क्लीनिक : डिलेवरी माह में 40 से 50, करीब 10 सीजर
मल्हारगंज अस्पताल : नॉर्मल डिलेवरी 4 से 5
जिला अस्पताल : नॉर्मल डिलेवरी 2 से 3
मांगीलाल चूरिया अस्पताल : नॉर्मल डिलेवरी 1 से 2
नंदानगर प्रसूतिगृह : 2 से 3
बाणगंगा अस्पताल : 1 से 2
500 बिस्तर का अस्पताल तैयार, नहीं मिल रही सुविधा
प्रदेश का सबसे बड़ा महिला अस्पताल एमटीएच तैयार किया गया है। 500 बिस्तर के इस अस्पताल की इमारत तैयार है। यहां मेडिकल कॉलेज को महिला रोग व प्रसूति विभाग शिफ्ट करना है। एक साल से इसके प्रयास चल रहे हैं, फिर भी ओपीडी लगाकर 30 से 35 मरीज देखे जा रहे हैं। डिलेवरी के लिए एमवायएच रैफर किया जाता है।
– सीजर डिलिवरी के लिए लेबर रूम प्रोटोकॉल जरूरी है। पीसी सेठी व हुकमचंद पॉली क्लीनिक में सीजर की सुविधा है। रात को इमरजेंसी केस में सीजर के लिए पीसी सेठी अस्पताल में तैयारी कर रहे हैं। स्टाफ की कमी है। बाणगंगा अस्पताल में जल्द सीजर डिलिवरी सुविधा शुरू कर देंगे।
-डॉ. एमपी शर्मा, सिविल सर्जन
– अस्पताल में 5 स्पेशलिस्ट क्लास वन ऑफिसर, 3 पीजी मेडिकल ऑफिसर व पर्याप्त स्टाफ है, ताकि 24 घंटे डिलिवरी सुविधा दे सकें। वैसे भी डॉक्टर ऑन कॉल बुलाए जाते हैं। अपने स्तर पर सुविधा जुटा रहे हैं। डॉक्टरों की नियुक्ति विभाग को ही करना होगी।
डॉ. माधव हसानी, प्रभारी पीसी सेठी अस्पताल
शिफ्टिंग की कर रहे कोशिश
&एमवायएच में रोज 60 से ज्यादा प्रसूताएं भर्ती होती हैं। 45 से 55 डिलिवरी रोज कराई जा रही है। कई बार आंकड़ा 70 से 80 तक पहुंच जाता है। अन्य अस्पतालों के गंभीर मामले भी यहां रैफर होते हैं। एमटीएच अस्पताल में शिफ्टिंग के लिए कॉलेज प्रशासन के साथ कोशिश कर रहे हैं।
डॉ. निलेश दलाल, एचओडी, महिला व प्रसूति विभाग, एमवायएच

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