पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन के अनुसार, जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर पिवड़ाय गांव में शनिवार देर रात हुए इस विवाद दो पक्षों के सात लोग घायल हुए हैं। उन्होंने ये स्पष्ट किया कि, इस विवाद में अल्पसंख्यक परिवार के पांच लोग, वहीं दूसरे पक्ष के दो लोग घायल हुए हैं। उनका कहना है कि, घायलों को सामान्य चोटें आई हैं। हालाकि, एसपी जैन ने इस आरोप को सिरे से नकारा है, जिसे अल्पसंख्यक पक्ष द्वारा लगाया गया है। उनका कहना है कि, पुलिस जांच में ऐसी कोई भी बात सामने नहीं आई है कि, दोनों पक्षों में विवाद गांव खाली करने का फरमान को न मानने की वजह से हुआ है।
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पुलिस ने बताई सामान्य घटना
एसपी महेशचंद्र जैन ने बताया कि इस घटना को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन, ये सिर्फ दो पक्षों के बीच विवाद का एक सामान्य मामला है। उन्होंने कहा कि, दोनों पक्षों के खिलाफ एक-दूसरे की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (आपराधिक धमकी) और 147 (बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
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सामने आई ये वजह
एसपी जैन के मुताबिक, पिवड़ाय गांव में लोहे के सामान की मरम्मत को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। दूसरी ओर, अल्पसंख्यक पक्ष के वकील ने आरोप है कि, इस परिवार पर धार्मिक भेदभाव के कारण हमला किया गया है। उन्होंने कहा कि, हम इस मामले में उचित कानूनी कदम उठा रहे हैं।
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