गौरतलब है, स्वास्थ्य विभाग के सात अस्पतालों में डिलेवरी की सुविधा है, लेकिन पीसी सेठी और हुकुमचंद पॉली क्लीनिक में ही सिजेरियन डिलेवरी होती है। दोनों ही स्थानों पर केवल पहले से प्लॉन ऑपरेशन सुबह 9 से दोपहर 1 बजे के बीच होते हैं। रात को पहुंचने वाले इमरजेंसी केस सीधे एमवाय अस्पताल रैफर कर दिए जाते हैं। जिससे वहां भारी दबाव रहता है। जिला अस्पताल की शिफ्टिंग के बाद हुकुमचंद पॉली क्लीनिक में डायलिसिस और मेडिकल बोर्ड के लिए दी गई जगह के बाद यहां रोजाना एक सिजेरियन से ज्यादा नहीं हो रहे हैं।
पीसी सेठी में 4 से 5 ऑपरेशन रोजाना हो रहे हैं। यहां पांच विशेषज्ञ और तीन पीजी डॉक्टरों की ड्यूटी है। फिर भी कोई डॉक्टर रात को ड्यूटी के लिए तैयार नहीं है। सिविल सर्जन डॉ. एमपी शर्मा ने एक सप्ताह पहले रात में ऑपरेशन की सुविधा शुरू करने और बेवजह केस रैफर नहीं करने के निर्देश जारी किए थे। इसके बाद भी व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया है। सोमवार रात ही बाहरी जिले से महिला को डिलेवरी के लिए यहां लाया गया, मरीज का हार्ट रेट नार्मल नहीं होने और आईसीयू की सुविधा नहीं होने की बात कहकर एमवाय अस्पताल रैफर कर दिया गया।
-सोमवार को इमरजेंसी केस में मरीज को कार्डियक समस्या होने के कारण एमवाय रैफर किया गया। आईसीयू फिलहाल चालू नहीं हो पाया है। हमने विभाग के अस्पतालों से सीधे केस एमवाय रैफर नहीं करने के निर्देश दिए हैं, इसलिए पीसी सेठी अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है। जल्द ही रात में भी ऑपरेशन की सुविधा शुरू कर देंगे।
डॉ. एमपी शर्मा, सिविल सर्जन -अस्पताल में महिला रोग व प्रसूति विभाग के विशेषज्ञ पर्याप्त संख्या में हैं। यदि वह किसी सुविधा की कमी बताते हैं तो तुरंत पूरा किया जाएगा। डॉक्टरों की ड्यूटी तय कर दी जाए तो यहां 24 घंटे ऑपरेशन की सुविधा शुरू करने में कोई परेशानी नहीं है। यदि दिन में 4-5 ऑपरेशन हो रहे हैं तो इसका मतलब व्यवस्थाएं हैं।
डॉ. माधव हसानी, प्रभारी पीसी सेठी अस्पताल