इन पर संबंधित बीआरसी जांच पड़ताल कर प्रतिवेदन को ऑनलाइन ही आगे जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किए जाते हैं, जहां डीआईओ ऑनलाइन उन्हें मान्यता जारी करते हैं पर इंदौर जिले में डीईओ के पासवर्ड का उपयोग अन्य किसी द्वारा उपयोग कर मान्यता जारी कर दी गई। मामला संज्ञान में आने के बाद जांच की गई तो पता चला कि ३ अक्टूबर से 24 नवंबर 2018 के बीच स्कूलों को मान्यता प्रदान की गई। इस दौरान तीन डीईओ रहे। सीके शर्मा ९ अगस्त से 29 अक्टूबर तक चिकित्सा अवकाश पर रहे। जिसके चलते 9 अगस्त से 6 अक्टूवर तक डीपीसी अक्षय सिंह राठौर प्रभारी डीईओ रहे। इसके बाद प्राचार्य शशिकांत गुरवले को 29 अक्टूबर तक प्रभार रहा।
8 स्कूलों को मान्यता में राठौर के आईडी का उपयोग : 9 स्कूलों में से 8 स्कूलों को फर्जी तरीके से मान्यता जारी किए जाने में डीपीसी व तत्कालीन डीईओ अक्षय सिंह राठौर के डिजीटल हस्ताक्षर होना पाया गया, जबकि राठौर ने साफ कर दिया है उनके द्वारा किसी भी स्कूल को मान्यता जारी नहीं की गई। दूसरी और डीईओ शर्मा ने 9 स्कूलों को मान्यता जारी उनके द्वारा जारी नहीं होना बताया और तकनीकी दुरुपयोग की शंका जाहिर की गई। बता दे कि सीईओ ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी किए थे।
ये हैं स्कूल
दिव्य शक्ति स्कूल, 3/2 मनोरमागंज इंदौर हरगोविंद पब्लिक स्कूल रावद बेटमा श्री जी इंटरनेशनल स्कूल महू गांव द अपेक्स एकेडमी एण्ड प्ले स्कूल गौतमपुरा सेंट उमर एकेडमी ओल्ड पलासिया बिरला ओपन माईंड इंटरनेशनल स्कूल माईंड आई वल्र्ड स्कूल सिलीकान सिटी राउ बॉम्बे पब्लिक स्कूल सिंगापुर सिटी
दिव्य शक्ति स्कूल, 3/2 मनोरमागंज इंदौर हरगोविंद पब्लिक स्कूल रावद बेटमा श्री जी इंटरनेशनल स्कूल महू गांव द अपेक्स एकेडमी एण्ड प्ले स्कूल गौतमपुरा सेंट उमर एकेडमी ओल्ड पलासिया बिरला ओपन माईंड इंटरनेशनल स्कूल माईंड आई वल्र्ड स्कूल सिलीकान सिटी राउ बॉम्बे पब्लिक स्कूल सिंगापुर सिटी