जेल में मारपीट, बाल काटने में दिए है विभागीय जांच के आदेश
लसूडिय़ा थाने के एक मामले में मानव अधिकार आयोग ने सख्ती दिखाई है। तीन साल पुराने मामले में विभागों ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी। आयोग ने पीडि़तों को 50-50 हजार रुपए देने के साथ ही जेलर दीक्षित व लसूडिया टीआइ की विभागीय जांच के आदेश दिए। पुलिस अधिकारियों ने जांंच की तैयारी भी कर ली है।
लसूडिय़ा थाने के एक मामले में मानव अधिकार आयोग ने सख्ती दिखाई है। तीन साल पुराने मामले में विभागों ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी। आयोग ने पीडि़तों को 50-50 हजार रुपए देने के साथ ही जेलर दीक्षित व लसूडिया टीआइ की विभागीय जांच के आदेश दिए। पुलिस अधिकारियों ने जांंच की तैयारी भी कर ली है।
तीन मामलों में पेश हुए एडिशनल कमिश्नर कपूरिया
पिछले साल तीन मामलों में संज्ञान लेते हुए आयोग ने इंदौर पुलिस को नोटिस देकर रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस ने ध्यान नहीं दिया तो तत्कालीन डीआइजी व वर्तमान एडिशनल कमिश्नर मनीष कपूरिया को तलब किया गया। आयोग अधिकारियोंं के मुताबिक, कपूरिया ने आयोग के समक्ष पेश होकर जवाब दिया। आयोग ने जवाब से संतुष्टि जाहिर की। एरोड्रम में हुए आकाश आत्महत्या मामले में पुलिस पर प्रताडि़त करने के आरोप लगे तो इस पर भी रिपोर्ट मांगी जा चुकी है, अभी कोई फैसला नहीं हुआ हैै।
पिछले साल तीन मामलों में संज्ञान लेते हुए आयोग ने इंदौर पुलिस को नोटिस देकर रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस ने ध्यान नहीं दिया तो तत्कालीन डीआइजी व वर्तमान एडिशनल कमिश्नर मनीष कपूरिया को तलब किया गया। आयोग अधिकारियोंं के मुताबिक, कपूरिया ने आयोग के समक्ष पेश होकर जवाब दिया। आयोग ने जवाब से संतुष्टि जाहिर की। एरोड्रम में हुए आकाश आत्महत्या मामले में पुलिस पर प्रताडि़त करने के आरोप लगे तो इस पर भी रिपोर्ट मांगी जा चुकी है, अभी कोई फैसला नहीं हुआ हैै।
पिछले दस साल की शिकायतों का लेखा जोखा
आयोग के पास हर साल करीब 9 से 10 हजार शिकायतें आती है अथवा संज्ञान लेते है। पिछले सालों से कई मामले लंबित थे जिनका ताजा मामलों के साथ निराकरण हो रहा है। दस साल पहले लंबित मामलों की संंख्या 10228 थी जो पिछले साल घटकर 2490 पर आ गई।
आयोग के पास हर साल करीब 9 से 10 हजार शिकायतें आती है अथवा संज्ञान लेते है। पिछले सालों से कई मामले लंबित थे जिनका ताजा मामलों के साथ निराकरण हो रहा है। दस साल पहले लंबित मामलों की संंख्या 10228 थी जो पिछले साल घटकर 2490 पर आ गई।
वर्ष प्राप्त शिकायत निराकृत लंबित
2012-13 12340 13231 10228
2013-14 12843 14118 8953
2014-15 11344 16712 3585
2015-16 11393 12976 2002
2016-17 9535 9431 2106
2017-18 10256 8167 4195
2018-19 9422 10291 3326
2019-20 9651 9842 3129 2435
2020-21 8677 9014 2798
2021-22 8821 9129 2490
2012-13 12340 13231 10228
2013-14 12843 14118 8953
2014-15 11344 16712 3585
2015-16 11393 12976 2002
2016-17 9535 9431 2106
2017-18 10256 8167 4195
2018-19 9422 10291 3326
2019-20 9651 9842 3129 2435
2020-21 8677 9014 2798
2021-22 8821 9129 2490
29 मामलों में हुई कार्रवाई की अनुशंसा
आयोग जिन मामलों में शिकायत व स्वंय संज्ञान लेता है आमतौर पर विभाग उसमें गंभीर हो जाते है। विभाग कार्रवाई कर रिपोर्ट देते है। कुछ ऐसे मामले होते है जिसमें आयोग विभागों की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होता है तो अपने तरफ से कार्रवाई करता है। आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 2021-22 में 29 मामलों में आयोग ने कार्रवाई के निर्देश दिए व अनुशंसा कर चुका है।