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HONEYTRAP : भाजपा के पूर्व मंत्री के साथ लीक हुए श्वेता जैन के वीडियो, मंत्री बोले – मुझे जानकारी नहीं गंगाबाई जोशी नगर में रहने वाले बुजुर्ग मगन प्रजापत और उनकी पत्नी शांतिबाई ने बताया, जब तक हाथ-पैर चलते थे और दिखाई देता था तब तक वेंकटेश मंदिर छत्रीबाग में देखरेख करते थे। अधिक उम्र होने पर अब काम करने की स्थिति में नहीं हैं। इसके चलते भूखा मरने की नौबत आ चुकी है। बागबां फिल्म की तरह बेटे उन्हें रोटी तक के लिए नहीं पूछ रहे हैं। रोटी के लिए जाते हैं तो बहुएं दरवाजा बंद कर लेती हैं। उन्होंने अधिकारियों से सिर्फ दोनों टाइम रोटी के लिए गुहार लगाई। अधिकारियों ने उन्हें 22 नवंबर को बुलाया है।
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ज्वेलरी खरीदने आए बदमाश, दुकानदार से बोले – बहन को लेकर आते है फिर ले जाएंगे, चंद मिनट बाद गायब हो गए गहने अगल रहते हैं पुत्र पुत्र त्रिलोक, भेरू और रमेश पत्नियों के साथ अलग रहते हैं। बेटों के पुत्र और पोते भी हैं। कई लोग कमाते हैं, लेकिन माता-पिता अलग जगह घर में पड़े रहते हैं। रोटी के नाम पर त्रिलोक 1500 रुपए देता है, लेकिन रोटी बनाने और काम करने की स्थिति नहीं है। जो राशि देते हैं वह बिजली बिल, गैस टंकी और दूध पर खर्च हो जाती है। एक शादीशुदा बेटी किसी तरह मदद करती है।