scriptपिता की सलाह पर 15 साल के बालक ने शुरू किया स्टार्ट-अप, पहले दी निशुल्क सेवाएं, अब 70 युवाओं को दिया रोजगार | A 15-year-old boy started a start-up on the advice of his father | Patrika News

पिता की सलाह पर 15 साल के बालक ने शुरू किया स्टार्ट-अप, पहले दी निशुल्क सेवाएं, अब 70 युवाओं को दिया रोजगार

locationइंदौरPublished: Jan 08, 2021 01:21:04 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

10 महीने पूर्व शुरू किए इस स्टार्ट अप के जरिए प्रखर लगभग 70 स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों को आय का साधन प्रदान कर रहे है।

पिता की सलाह पर 15 साल के बालक ने शुरू किया स्टार्ट-अप, पहले दी निशुल्क सेवाएं, अब 70 युवाओं को दिया रोजगार

पिता की सलाह पर 15 साल के बालक ने शुरू किया स्टार्ट-अप, पहले दी निशुल्क सेवाएं, अब 70 युवाओं को दिया रोजगार

इंदौर. लॉकडाउन में उद्योगों के समक्ष कई आर्थिक चुनौतियां आयी है। छोटे गृह उद्योग के सामने अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करना एक बड़ी समस्या था क्योंकि लॉकडाउन में कई सारी सर्विसेज एवं प्रोडक्ट ऑनलाइन आ चुके थे। ऐसे में घर से उद्योग चलाने महिलाएं अपने उत्पादों की मार्केटिंग की समस्या से जूझ रही थी, इस परेशानी का हल करने एवं होम रन बिजनेस को आगे बढ़ाने में लोगों की मदद करने के उद्देश्य से इंदौर के 15 वर्षीय प्रखर अग्रवाल ने ‘इन-मीडिया’ स्टार्ट-अप की नींव रखी।
इस स्टार्ट-अप का मुख्य उद्देश्य बिल्कुल निम्नतम शुल्क में छोटे गृह उद्योगों को सोशल मीडिया मार्केटिंग से जुड़ी सेवाएं प्रदान करना है। 10 महीने पूर्व शुरू किए इस स्टार्ट अप के जरिए प्रखर लगभग 70 स्कूल एवं कॉलेज के विद्यार्थियों को आय का साधन प्रदान कर रहे है।
पिता की सलाह ने दिलाया मुकाम
प्रखर बताते है कि हमारा अधिकांश समय लॉकडाउन में मोबाइल चलाने में बितता था, ऐसे में पिता ने सलाद दी कि इस समय का उपयोग कुछ प्रोडक्टिव करने के लिए करें। उसी वक्त घर में हुई एक चर्चा में सामने आया कि कई महिलाएं अपने बिजनेस को प्रमोट करने में परेशानियों का सामना कर रही है और वहीं से हमने इस स्टार्ट अप को शुरू करने का सोचा। शुरूआत में हमने एक माह निशुल्क सेवाएं प्रदान की थी। पहले माह में ही हमे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला, इतना ही नहीं हमने कई महिलाओं को सोशल मीडिया मार्केटिंग का प्रशिक्षण दिया। स्टूडेंट्स के लिए एक अतिरिक्त आय का साधन हो गया वहीं छोटे गृह उद्योगों को सोशल मीडिया मार्केट में अपना स्थान बनाने में सहायता मिली।
निशुल्क सेवाएं भी की प्रदान
वे बताते है, इस स्टार्ट-अप का उद्देश्य धन अर्जित करना नहीं था बल्कि युवाओं को रोजगार का साधन एवं गृह उद्योगों की बाजार में बने रहने में सहायता प्रदान करना था। हमे जो क्लाइंट्स से पैसा मिलता है उसका 90 से 95 प्रतिशत हम अपने यहां कार्य कर रहे इंटर्नस को दे देते हैं और शेष राशि का प्रयोग बिजनेस में होने वाले में खर्च में प्रयोग करते है। कुछ क्लाइंट्स ऐसे भी थे जिन्हे हमने निशुल्क सेवाएं भी प्रदान की है क्योंकि उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वे मार्केटिंग पर खर्च कर सकें।
बच्चों की शिक्षा में सहायता का है सपना
वे बताते है कि इस स्टार्ट अप से जो धन राशि बचती है उसे हम एकत्रित कर जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा में सहयोग प्रदान करेंगे। मैं हमेशा से ही चाहता हूं कि समाज में हर वर्ग शिक्षित हो क्योंकि शिक्षा के माध्यम से ही हम आत्मनिर्भर बन सकते है।
शुरुआत में नहीं लिया गंभीरता से
जब मैंने बिजनेस की शुरूआत की थी तो क्लाइंट्स ने मुझे गंभीरता से नहीं लिया। अगर किसी को अप्रोच करते थे तो सुनने को मिलता था कि इतने छोटे हो तुम्हे क्या आता होगा? इतना ही नहीं कई क्लाइंट्स तो मुझसे अपना यूजर नेम और पासवर्ड साझा करने में भी संकोच कर रहे थे लेकिन जब कुछ समय बाद उन्होंने हमारे काम का रिस्पॉन्स देखा तो हमसे लोग जुड़ते गए। अभी हमारी कंपनी से लगभग 30 से अधिक क्लाइंट्स जुड़े हुए है। इस कार्य में मेरी बड़ी बहन भी मेरी सहायता करती है। हमने कार्य उतना ही रखा जितना हम मैनेज कर पाते हैं।
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