आचार्यश्री ने मंच से कहा कि इंदौर निवासी और मुंबई के प्रवासी ने मुझसे कहा था कि यहां से रास्ता मुड रहा है। इस पर हमने कहा कि वह तो पक्का है। थोड़ा विचार विमर्श तो करना ही पड़ेगा। इंदौर वालों ने जो योजना बनाई है वह धीरे-धीरे कर रहे हैं। जो प्रारंभ हुए हैं उसमें ९ स्थान तैयार हो रहे हैं। मंगलाचरण हो रहा है। इंदौर वालों को और सोचना होगा। योजना काफी लंबी-चौड़ी है। भारत में इंदौर प्रसिद्ध नगरी है। महावीर भगवान और अहिंसा की नगरी अहिंसा की घोषणा करती रही है। ऐतिहासिक काम करने के लिए जनता ललायित है। जो कार्य करते हैं, उसमें पुण्य अर्जन करना होता है। इंदौर को पुण्य अर्जन की आवश्कयता है।