डाकघर में इसके लिए विशेष पैकेजिंग और लिफाफे की व्यवस्था भी की गई हैं। कोरोना के कारण पिछले दो साल से बहने अपने एनआइआर भाइयों तक राखी नहीं पहुंचा पा रही थी। रोजाना 250 राखी बांट रहे डाकियां जीपीओ स्थित डाकघर से रोजाना करीब 250 राखियां भेजी जा रही हैं। डाकियां देश के अलग-अलग इलाकों में जाकर यह राखी पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। बार्डर पर तैनात भाइयों के लिए भी राखी भेजी जा रही हैं।
लाया गया रक्षाबंधन विशेष लिफाफा
डाकघर में रक्षाबंधन के लिए विशेष लिफाफा लाया गया है। लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए हर साल रक्षाबंधन के अवसर पर डाकघर में यह लिफाफा उपलब्ध होता है। लिफाफे पर रक्षाबंधन को लेकर सुंदर चित्रकारी रहती है।
डाकघर में राखी के लिए विशेष काउंटर
रक्षाबंधन के लिए विशेष काउंटर लगाया है। राखी के साथ ही पूजन सामग्री भी मिल रही हैं। इस बार यहां काउंटर से मिलने वाली भैया-भाभी राखी आकर्षक का केंद्र बनी हुई हैं। इसमें दो राखियां है। लीना चौहान ने बताया कि चंदन मोती, कुंदन राखियां हैं।
250 राखियां भेज रहे रोज
डाकघर से रोजाना करीब 250 राखियां भेजी जा रही हैं। इसमें से 15-20 राखियां विदेश भी भेजी जा रही हैं। यहां रक्षाबंधन को लेकर भीड़ भी बढऩे लगी हैं।
- श्रीनिवास जोशी, प्रबंधक
डाकघर में बहनों की भीड़
डाकघर में बड़ी संख्या में बहनें आ रही है। इनमें राखी भेजने को लेकर उत्साह साफ नजर आ रहा है। पहले जहां चाइनीज राखियों की भी लोग खरीद करते थे, लेकिन इस वर्ष स्वदेशी राखियों की बिक्री ज्यादा है।