पत्रिका ने एजुकेशन एक्सपर्ट डॉ. दीपक अग्रवाल से बच्चों को इस डिप्रेशन से निकालने के लिए चर्चा की। उन्होंने कहा लगभग 10 प्रतिशत बच्चे ही इंडिया में सक्सेस होते हैं लेकिन हार नहीं मानते। अपने और अपने माता-पिता के सपनों को किसी भी तरह से पूरा किया जा सकता है रिजल्ट मनमफिक न भी आए लेकिन डिप्रेशन में नहीं जाना चाहिए। अच्छे काउंसलर से मिलकर आप अपने करियर की सही दिशा की ओर अग्रसर हो। उन्होंने कहा स्टूडेंट्स कई बार अपने रिजल्ट से हताश होकर गलत कदम उठा लेते हैं जबकि उन्हें एक बार उन माता-पिता के बारे में सोचना चाहिए जो उनके लिए मेहनत करते हैं और सपने देखते हैं इसलिए रिजल्ट जो भी परिणाम हो खुशी-खुशी उसे स्वीकारें और अपने पैरेंट्स से शेयर भी करें।