19 या 26 जून को शहर के बड़े उद्योगपति व धनाढ्य सदस्यों की संस्था यशवंत क्लब के चुनाव होने जा रहे हैं। इसको लेकर परमजीत ङ्क्षसह छाबड़ा और टोनी सचदेवा की पैनल आमने-सामने हो गई है। वैसे तो ये चुनाव दो साल पहले हो जाना चाहिए थे, जिसको लेकर अब सदस्य सवाल खड़े कर रहे हैं। छाबड़ा के नेतृत्व वाली कमेटी का तर्क है कि कोरोना महामारी की वजह से साधारण सभा व चुनाव नहीं कराए जा सके। इसके लिए उन्होंने फर्म एंड सोसायटी को पत्र भी लिखा था। जिला प्रशासन की ओर से वार्षिक साधारण सभा नहीं कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। ये बात सदस्यों के गले नहीं उतर रही है क्योंकि जून 2020 के बाद स्थिति सामान्य होने लग गई थी। बाद में मार्च 2021 में फिर दूसरी लहर आई थी, जो मई 2021 तक चली थी। दोनों ही लहर के बीच और बाद में काफी समय था, जिसमें चुनाव हो सकते थे। इसको लेकर कुछ सदस्य घेराबंदी भी कर रहे हैं।
कलेक्टर के नाम पर कर रहे गुमराह सांघी कॉलोनी में रहने वाली क्लब की सदस्य वकील नेहा बेरी ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। उसमें कहा गया है कि क्लब द्वारा बताया गया है कि महामारी के चलते एजीएम व चुनाव को लेकर रोक लगाई गई थी। ऐसा कोई आदेश जारी किया गया था तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। जानकारी तुरंत दी जाए क्योंकि क्लब के रिकॉर्ड में फेरबदल करके ऑडिट किया जा रहा है, वह भी बिना एजीएम की स्वीकृति के। क्लब की ओर से बताया जा रहा है कि कलेक्टर का आदेश था। आपके द्वारा रोक लगाई गई है तो वह कब और कितने समय के लिए थी। रोक लगाने व हटाने के आदेश दिए गए हों तो उनकी कॉपी दी जाए क्योंकि क्लब में कलेक्टर के नाम पर गुमराह किया जा रहा है।