1969 में हिमालय की ओर विहार किया। एक चातुर्मास श्रीनगर उत्तराखंड में किया। पहली बार कोई दिगंबर जैन संत ब्रदीनाथ पहुंचे। वर्ष 1971 का चातुर्मास इंदौर में किया। उसके बाद महावीरजी मेरठ होते हुए 1974 में पुन: दिल्ली पहुंचे। नई दिल्ली में आचार्य देशभूषण ने 8 दिसंबर 1974 को विद्यानंद दी को उपाध्याय पद दिया। ऐलाचार्य पद 17 दिसंबर 1978 को नईदिल्ली में मिला। वर्ष 1969 का चातुर्मास पुन: इंदौर में हुआ। 20 जुलाई 1980 को श्रवण बेलगोला में मंगल प्रवेश किया। 1981 में बाहुबली भगवान के महामस्तकाभिषेक में शामिल हुए। 28 जून 1987 को आचार्य देशभूषण के आदेश पर संघ ने नईदिल्ली में विद्यानंद जी को आचार्य पद दिया।
जन्म दिनांक : 22 अप्रैल 1925
जन्म स्थान : शेडवाल, कर्नाटक बचपन का नाम : सुरेंद्र उपाध्ये
पिता : कालप्पाजी माता : सरस्वती
लौकिक शिक्षा : दानवड़ संगीत शिक्षा : तरल ग्राम – सुरेंद्र से क्षुल्लक पाश्व कीर्ति – 1925 से 1946 तक
– क्षुल्लक पद से मुनि विद्यानंद – 1946 से 1963
जन्म स्थान : शेडवाल, कर्नाटक बचपन का नाम : सुरेंद्र उपाध्ये
पिता : कालप्पाजी माता : सरस्वती
लौकिक शिक्षा : दानवड़ संगीत शिक्षा : तरल ग्राम – सुरेंद्र से क्षुल्लक पाश्व कीर्ति – 1925 से 1946 तक
– क्षुल्लक पद से मुनि विद्यानंद – 1946 से 1963
– आचार्य विद्यानंद – 1987 से 2019
– श्रमण जीवन (वर्तमान में सर्वाधिक साधु जीवन) – सन 1946 से 2019 तक
– श्रमण जीवन (वर्तमान में सर्वाधिक साधु जीवन) – सन 1946 से 2019 तक